AMU के शताब्दी समारोह में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी, यूनिवर्सिटी को बताया 'छोटा भारत'
क्या है खबर?
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के गत 14 सितंबर को अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने को लेकर मंगलवार को उसका शताब्दी समारोह आयोजित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समारोह में वीडियो कॉल के जरिए हिस्सा लिया और यूनिवर्सिटी को 'छोटा भारत' करार दिया।
इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी के लिए एक खास डाक टिकट भी जारी किया और यूनिवर्सिटी को केवल उत्तर प्रदेश नहीं बल्कि पूरे भारत की ताकत बताया।
पहली
पहली बार AMU के कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी पहली बार AMU के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। उनकी पार्टी भाजपा के कई नेता इस यूनिवर्सिटी की कई बाद निंदा भी कर चुके हैं।
पिछले साल यहां के छात्रों और शिक्षकों ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
खास बात यह है कि साल 1964 के बाद किसी भी प्रधानमंत्री ने AMU के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं है। उस दौरान लाल बहादुर शास्त्री दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे।
बयान
AMU में दिखती है छोटे भारत की तस्वीर- मोदी
अपने आभासी भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि AMU में विभिन्न विभाग, दर्जनों छात्रावास, हजारों शिक्षकों और प्रोफेसरों के बीच एक 'छोटा भारत' नजर आता है। यहां उर्दू-हिन्दी-अरबी-संस्कृत पढ़ाई जाती है। यहां की लाइब्रेरी में कुरान है तो गीता-रामायण के अनुवाद भी हैं।
उन्होंने कहा कि AMU में श्रेष्ठ भारत की अच्छी तस्वीर नजर आती है। यहां पर इस्लाम को लेकर जो रिसर्च होती है, उससे भारत का इस्लामिक देशों से संबंध अच्छा होता है।
विकास
सभी नागरिकों को मिलेगा विकास का लाभ- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "देश उस रास्ते पर आगे बढ़ रहा है जहां हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के देश में हो रहे विकास का लाभ मिलेगा। देश उस रास्ते पर है जहां हर नागरिक को अपने संवैधानिक अधिकारों और उनके भविष्य के बारे में आश्वस्त होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "देश उस रास्ते पर है जहां कोई भी नागरिक धर्म के कारण पीछे नहीं रहेगा और सभी को समान अवसर मिलेंगे ताकि हर कोई सपनों को पूरा कर सके।"
बयान
"जब राष्ट्र की बात आती है तो वैचारिक मतभेद मायने नहीं रखते"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्र के लक्ष्य के प्राप्ति की हो तो सभी मतभेद को किनारे रख देने चाहिए। देश में कोई किसी भी जाति या मजहब का हो, उसे देश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर योगदान देना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "AMU ने देश को ऐसे स्वतंत्रता सेनानी दिए हैं, जिन्होंने अपने वैचारिक मतभेदों को अलग रखते राष्ट्र हित में एकसाथ मिलकर लड़ाई लड़ी और सफलता हासिल की।"
बयान
देश की तरक्की को सियासत के चश्मे से न देखें- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "नए भारत के विजन के मूल में है कि राष्ट्र के विकास को राजनीति के चश्मे से न देखें। जब हम साथ आते हैं तो कुछ तत्व परेशान होते हैं, लेकिन हमारे मन-मस्तिष्क पर नए भारत का निर्माण सर्वोच्च होना चाहिए।"
मदद
स्वच्छ भारत मिशन से मिली मुस्लिम बेटियों को मदद- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि कुछ समय पहले तक मुस्लिम लड़कियों के बीच स्कूल छोड़ने की दर 70 प्रतिशत से अधिक थी और यह स्थिति 70 वर्षों तक बनी रही।
उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की, गाँवों में शौचालय का निर्माण किया और स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए शौचालय बनाए। अब यह (ड्रॉपआउट) दर लगभग 30 प्रतिशत गिर गई है।
सुझाव
प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए मांगे सुझाव
इस दौरान प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर अभियान को सफल बनाने के लिए AMU से सुझाव भी मांगे और कहा कि दुनिया की नजर भारत पर है। इसे भारत की सदी बताया जा रहा है। पूरी दुनिया देखना चाहती है कि हम इसमें कैसे आगे बढ़ते हैं।
उन्होंने छात्रों को आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर ऐसे 100 स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में रिसर्च करने का भी टास्क दिया, जिनके बारे में अब तक काफी कम लोग जानते हैं।
बयान
"राजनीति इंतजार कर सकती है, लेकिन विकास नहीं"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजनीति इंतजार कर सकती है, लेकिन देश का विकास इंतजार नहीं कर सकता। महिलाएं, पीड़ित और युवा इंतजार नहीं कर सकते हैं। पहले ही मतभेदों में वक्त गुजर चुका है अब सबको साथ आकर नए भारत का निर्माण करना होगा।