संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगी राष्ट्रपति मुर्मू, राज्यसभा की कार्यवाही भी आज से शुरू
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेगी। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन होगा। अभिभाषण के बाद संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा, जिस पर सांसद चर्चा करेंगे। इसके अलावा राज्यसभा का 264वां सत्र भी आज से ही शुरू हो रहा है।
अगले 5 साल का रोडमैप प्रस्तुत कर सकती हैं राष्ट्रपति
मुर्मू राष्ट्रपति भवन से घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ संसद भवन पहुंचेंगी। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा-राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी संसद भवन पर उनका स्वागत करेंगे। उन्हें पारंपरिक राजदंड 'सेंगोल' की अगुवाई में सदन के कक्ष तक ले जाया जाएगा। संबोधन में वे नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रख सकती हैं और पिछले 10 साल की उपलब्धि के साथ अगले 5 साल का रोडमैप भी पेश कर सकती हैं।
राष्ट्रपति का अभिभाषण जरूरी क्यों?
संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार, राष्ट्रपति को हर लोकसभा चुनाव के बाद सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए सरकार कार्यक्रमों-नीतियों की रूपरेखा बताती है। इसमें पिछले सालों के सरकार के कामकाज का उल्लेख किया जाता है और आगामी सालों के लिए सरकार की प्राथमिकताओं को बताया जाता है। राष्ट्रपति द्वारा हर साल संसद के पहले सत्र में सदनों की संयुक्त बैठक को भी संबोधित किया जाता है।
सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
लोकसभा में अब विपक्ष पहले से ज्यादा ताकतवर है। ऐसे में आसार हैं कि आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान विपक्ष हंगामा कर सकता है। विपक्ष राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET) के कथित पेपर लीक, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले, बढ़ती ट्रेन दुर्घटनाओं और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर सकता है। कल (26 जून) को लोकसभा स्पीकर द्वारा आपातकाल को याद किए जाने पर भी खूब हंगामा हुआ था।
डिप्टी स्पीकर का भी होना है चुनाव
लोकसभा में अब डिप्टी स्पीकर भी चुना जाना है। विपक्ष परंपरा का हवाला देते हुए इस पद की मांग कर रहा है। माना जा रहा है कि विपक्ष की ओर से कोडिकुन्निल सुरेश ही डिप्टी स्पीकर के उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि, 17वीं लोकसभा में कोई डिप्टी स्पीकर नहीं था, इस वजह से अभी स्पष्ट नहीं है कि ये पद खाली रखा जाएगा या नहीं। कांग्रेस ने कहा कि वो इस पद को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी।