सासंदों के निलंबन के खिलाफ विपक्ष का मार्च, खड़गे बोले- प्रधानमंत्री नहीं चाहते कि संसद चले
क्या है खबर?
143 विपक्षी सासंदों के निलंबन के विरोध में आज गुरुवार को विपक्ष ने संसद में पैदल मार्च निकाला।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में संसद से विजय चौक तक यह विरोध मार्च निकाला जा रहा है।
मार्च के दौरान विपक्षी सासंदों ने हाथों में एक बड़ा बैनर ले रखा है, जिस पर 'लोकतंत्र बचाओ' लिखा हुआ है।
विपक्षी सासंदों ने सत्तारूढ़ भाजपा पर लोकतंत्र में विश्वास न रखने का आरोप लगाते हुए अपने निलंबन को असंवैधानिक करार दिया है।
मार्च
खड़गे बोले- लोकतंत्र और जनता के लिए बोलना हमारा अधिकार
राज्यसभा में नेता विपक्ष खड़गे ने कहा, "लोकतंत्र और जनता के लिए बोलना हमारा अधिकार है। हम चाहते हैं संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ बोलें, लेकिन प्रधानमंत्री नहीं चाहते हैं कि संसद चले। यह सदन की कार्यप्रणाली का उल्लंघन है।"
उन्होंने कहा, "हम लगातार लोकसभा और राज्यसभा अध्यक्षों से अनुरोध कर रहे हैं कि हमें बोलने की अनुमति दी जाए, लेकिन भाजपा के सदस्य चिल्ला-चिल्लाकर सदन की कार्यवाही बाधित करते हैं।"
बयान
NCP प्रमुख शरद पवार बोले- सासंदों को सवाल पूछने का अधिकार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने कहा, "हम हमेशा से संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करते हैं। संसद में जो हुआ, वह देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ है।"
उन्होंने कहा, "140 विपक्षी सांसदों को सदन से बाहर दिया गया। इनकी सिर्फ एक ही मांग थी कि सरकार की ओर से बयान दिया जाए कि संसद में घुसपैठ कैसे हुई, वो सदन में कैसे घुसे। उन्हें पास किसने जारी किया? सासंदों को यह पूछने का अधिकार है।"
विपक्ष
शशि थरूर बोले- संसदीय लोकतंत्र को श्रद्धांजलि देने का क्षण
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "सदन से लगभग दो-तिहाई विपक्षी सासंदों के निलंबन के बाद सरकार ने देश में आपराधिक कानूनों की जगह लेने वाले 3 नए विधेयक पारित किए हैं और यह दिखाता है कि भाजपा का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह वास्तव में हमारे देश में संसदीय लोकतंत्र को श्रद्धांजलि देने का क्षण है। एक झटके में इतने सारे विपक्षी सासंदों को एक साथ निलंबित किया गया है।"
निलंबन
क्या है पूरा मामला?
विपक्षी सांसद संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग पर अड़े हुए हैं और तख्तियां लेकर ये मांग उठाने के लिए संसद से 143 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।
इनमें राज्यसभा के 46 और लोकसभा के 97 सांसद शामिल हैं।
संसद के इतिहास में पहली बार एक ही सत्र के अंदर इतने सांसदों को निलंबित किया गया है।
विधेयक
विपक्षी सांसदों की अनुपस्थिति में अहम विधेयक पारित कर रही सरकार
सरकार विपक्षी सांसदों की अनुपस्थिति में ही बेहद अहम और व्यापक असर वाले अहम विधेयक पारित करने में लगी हुई है।
नए आपराधिक कानूनों से संबंधित 3 विधेयक लोकसभा से पारित हो चुके हैं और इन्हें राज्यसभा में पेश किया जाएगा। दूरसंचार विधेयक को भी राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
इसके अलावा आज लोकसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक और प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक पेश किए जाएंगे।