संसद सुरक्षा चूक: आरोपी बोले- विपक्षी नेताओं को फंसाने के लिए बिजली के झटके दिए गए
क्या है खबर?
पिछले साल दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में 6 आरोपियों में से 5 दिल्ली की कोर्ट में आवेदन दिया।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कोर्ट में दिए आवेदन में पांचों आरोपियों ने आरोप लगाया कि अपराध और विपक्षी पार्टियों से संबंध कबूल करवाने के लिए उन्हें यातना दी गईं और बिजली के झटके लगाए गए।
मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।
आरोप
आरोपियों ने बताया- पुलिस ने 70 खाली पन्नों पर हस्ताक्षर करवाए
आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, ललित झा, अमोल शिंदे और महेश कुमावत ने आवेदन में आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रत्येक आरोपी से 70 खाली पन्नों पर हस्ताक्षर कराए हैं।
आवेदन पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जवाब देने के लिए समय मांगा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने मामले को 17 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया।
आरोपी नीलम आजाद पहले ही कोर्ट में 52 खाली पन्नों पर जबरन हस्ताक्षर कराए जाने की बात कह चुकी हैं।
आरोप
सभी 6 आरोपियों पर क्या आरोप?
13 दिसंबर को मनोरंजन डी और सागर लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे और रंगीन धुआं उड़ाया था। इस दौरान दोनों पकड़े गए।
आरोपी आजाद और शिंदे को संसद भवन के बाहर धुएं के डिब्बे खोलने और प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार किया गया था।
मुख्य आरोपी ललित झा पर साजिश रचने सबूत नष्ट करने का आरोप है।
आरोपी कुमावत ने झा और अन्य से फेसबुक पर भगत सिंह फैन पेज पर संपर्क किया था।
गिरफ्तार
सभी आरोपी 1 मार्च तक न्यायिक हिरासत में
सभी आरोपियों को घटना के बाद दिसंबर महीने में ही गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल,सभी 1 मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं।
आरोपी सागर शर्मा उत्तर प्रदेश में लखनऊ का निवासी है और ई-रिक्शा चलाता है। मनोरंजन कर्नाटक के मैसूर का निवासी है। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
नीलम आजाद हरियाणा के जींद की हैं, वह सिविल सेवा की तैयारी कर रही हैं। इसके अलावा शिंदे महाराष्ट्र, कुमावत राजस्थान और झा बिहार के निवासी हैं।
घटना
क्या है पूरा मामला?
13 दिसंबर को शीतकालीन सत्र में शून्य काल के दौरान 2 युवक अचानक से दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे और बेंचों पर कूदते हुए गैस कनस्तर से पीले रंग की गैस उड़ा दी।
सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया।
संसद के बाहर भी एक महिला और युवक पीले रंग का धुआं उड़ाते गिरफ्तार किए गए।
UAPA के तहत दर्ज मामले में अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तारी हो चुकी है।
सुरक्षा
घटना के बाद संसद की सुरक्षा बढ़ाई गई
घटना के बाद संसद भवन परिसर में आगंतुकों के प्रवेश के लिए नई व्यवस्था की गई है और यह बदलाव बुधवार 31 जनवरी से शुरू हो गया है।
इसमें 3 चरणों की सुरक्षा होगी और संसद की कार्यवाही देखने के लिए आगंतुकों को कोड लेना होगा। बायोमेट्रिक जांच के बाद संसद में प्रवेश होगा।
संसद की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की जगह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को दे दी गई है। CISF के कुल 140 जवान यहां तैनात रहेंगे।