भारी दिल के साथ भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिंहा, मोदी-शाह से थे नाराज
लंबे समय से पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। वह एक हफ्ते पहले इसी सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले थे। बड़े अभिनेता रहे शत्रुघ्न ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए अपनी पुरानी पार्टी के स्थापना दिवस को चुना। बता दें कि आज भाजपा का 39वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह भारी दिल के साथ भाजपा को छोड़ रहे हैं।
कांग्रेस ने कहा, निडर होकर सच बोलते हैं शत्रुघ्न
शत्रुघ्न कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल और बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल की मौजूदगी में नई दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में कांग्रेस में शामिल हुए। इस दौरान सुरजेवाला ने उनका पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि वह एक असली राजनेता हैं और हमेशा निडर होकर सच बोलते हैं। वहीं, वेणुगोपाल ने कहा कि देश का सर्वश्रेष्ठ राजनेता आज कांग्रेस में शामिल हो रहा है और वह पहले गलत पार्टी में था।
शत्रुघ्न ने कहा, भाजपा 'वन मैन शो' और 'टू मैन पार्टी'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शत्रुघ्न ने मोदी-शाह की जोड़ी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा में लोकशाही तानाशाही में बदल गई है और सारे कद्दावर नेताओं को किनारे कर दिया गया। इस दौरान उन्होंने यह सवाल भी किया कि उन्हें भाजपा सरकार में मंत्री क्यों नहीं बनाया गया और क्या उनके अंदर इसके लिए काबिलियत नहीं थी। सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि ये 'वन मैन शो' और 'टू मैन पार्टी' है।
'भारी दिल के साथ छोड़ रहा पार्टी'
इससे पहले शत्रुघ्न ने शुक्रवार रात ट्वीट करते हुए कहा कि वह भारी दिल और बड़े दुख के साथ पार्टी को छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं अपने लोगों के प्रति कोई बुरी भावना नहीं रखता और वह मेरे परिवार की तरह थे। मैं इस पार्टी में भारत रत्न नानाजी देशमुख, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं की छत्रछाया में काफी कुछ सीखा।" उन्होंने आशा जताई कि कांग्रेस उन्हें लोगों और देश की सेवा करने का मौका देगी।
अपने लोगों के प्रति कोई दुर्भावना नहीं- शत्रुघ्न सिन्हा
मंत्री पद न मिलने के बाद बागी हो गए थे शत्रुघ्न
आडवाणी खेमे से आने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को पहले केंद्र की मोदी सरकार और फिर बिहार में नीतीश कुमार के साथ गठबंधन की सरकार में कोई मंत्री पद नहीं दिया गया था। वह पार्टी आलाकमान के इस फैसले से काफी नाराज हुए थे। इसके बाद उन्होंने कई बार सरकार और पार्टी के प्रति बागी स्वर अपनाए और विरोधी पार्टियों की रैलियों में शामिल होते रहे। उन्हें पटना साहिब से कांग्रेस की टिकट मिलने की उम्मीद है।