मूर्तियों पर मायावती का जवाब, 'भगवान राम की मूर्ति लग सकती है तो मेरी क्यों नहीं'
अपनी मूर्तियों पर उठे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए मायावती ने कहा है कि जब अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा बन सकती है तो मेरी क्यों नहीं। मंगलवार को दाखिल किए गए हलफनामे में उन्होंने मूर्ति बनाने की पूरी परंपरा का जिक्र किया। बता दें कि मूर्तियों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मायावती से पूछा था कि उन पर खर्च हुए पैसे, मायावती से क्यों न लिए जाए।
मायावती का जवाब, कांग्रेस ने लगाई नेहरू, इंदिरा की मूर्तियां
अपने हलफनामे में मायावती ने कहा है, "स्मारक और मूर्तियों की स्थापना भारत में कोई नई घटना नहीं है। कांग्रेस राज में केंद्र और राज्य सरकारों ने सरकारी पैसे से जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की मूर्तियां लगवाईं।" उन्होंने आगे कहा, "लेकिन इन मूर्तियों पर न तो मीडिया और न ही किसी याचिकाकर्ता ने सवाल उठाए।" बता दें कि मायावती ने वकील शैल द्विवेदी के जरिए हलफनामा दायर किया है।
'भगवान राम की मूर्ति पर कोई सवाल खड़े क्यों नहीं कर रहा?'
अपने जवाब में मायावती ने भाजपा सरकार द्वारा लगाई मूर्तियों का भी उदाहरण दिया। उन्होंने गुजरात सरकार द्वारा सरकारी पैसे से बनाई गई 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा का भी जिक्र किया, जिसे बनाने में 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने आगे कहा, "योगी सरकार अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति बनाने की योजना बना रही है। उनकी प्रतिमा पर कोई क्यों नहीं सवाल खड़े कर रहा?"
मायावती ने कहा, खुद को लोगों की सेवा में समर्पित किया
मायावती ने इसके अलावा देशभर में बनी नेताओं और ऐतिहासिक व्यक्तियों की कई मूर्तियों का हवाला अपने जवाब में दिया। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और शिवाजी महाराज की मूर्ति का उदाहरण दिया। मायावती ने कहा कि उन्होंने खुद को जनता के सुपुर्द कर दिया है और उनकी सेवा के लिए उन्होंने शादी भी नहीं की। उन्होंने कहा कि उनकी मूर्तियां लोगों की इच्छा से बनाई गई हैं और इसी ने राज्य विधानसभा को इनका बजट पास करने को मजबूर किया।
'दलित महिला का सम्मान नहीं पचा पा रहे याचिकाकर्ता'
मायावती ने याचिकाकर्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ लोगों को एक दलित महिला का इतना सम्मान पचा नहीं और उन्होंने याचिका दायर कर दी। उन्होंने विधानसभा के बजट संबंधित फैसले सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में न आने की बात भी कही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था मूर्तियों का खर्च लौटाएं मायावती
बता दें कि मूर्तियां के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 8 फरवरी को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि मायावती ने अपनी और हाथियों की मूर्तियों में जनता का जिनता पैसा खर्च किया है, वह उन्हें लौटाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने मायावती के वकील से कहा कि अपने मुवक्किल से कहें कि वह मूर्तियों पर खर्च हुए पैसों को सरकारी खजाने में जमा कराएं। मूर्तियों पर कुल 6,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।