अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: 'RG' के बाद अब घोटाले में उछला कांग्रेस नेता अहमद पटेल का नाम
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के बिचौलिए क्रिश्चिन मिशेल ने इसमें एक बड़े कांग्रेस नेता के शामिल होने की संभावना जताई है। मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट के अनुसार, उसने घोटाले की 'बजट शीट' में लिखे गए एक संक्षिप्त नाम का मतलब अहमद पटेल बताया है, जो कांग्रेस के एक बड़े नेता हैं। बता दें कि 'बजट शीट' में उन लोगों के नाम हैं जिन्हें सौदे में रिश्वत दी गई थी।
AP मतलब अहमद पटेल
चार्जशीट के अनुसार, मिशेल ने बताया है कि इस शीट में दर्ज 'fam' का मतलब 'फैमिली' यानि परिवार है, जबकि 'AP' का मतलब अहमद पटेल है। अहमद पटेल कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और सोनिया गांधी के सलाहकार रहे हैं। बता दें कि इस घोटाले से संबंधित दस्तावेजों में लेनदेन करने वाले लोगों के नाम शार्ट फॉर्म में लिखे हुए हैं। इन नामों के कई मतलब निकल सकते हैं, इसलिए इसे लेकर राजनीति भी होती रहती है।
हवाला के जरिए निकाले गए पैसे
चार्जशीट में बताया गया है कि पैसा एक जटिल संरचना के जरिए भेजे गए और उन्हें हवाला के जरिए निकाला गया। बता दें कि मिशेल को हाल ही में UAE ने भारत के हवाले किया था और इसे एक बड़ी सफलता माना गया था।
RG नाम के व्यक्ति का पता लगाने की कोशिश कर रही है ED
इससे पहले बुधवार को ED ने दिल्ली की एक विशेष अदालत को बताया था कि वह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसमें शामिल 'RG' नाम का व्यक्ति कौन है। 'RG' नाम के इस व्यक्ति का नाम घोटाले में आरोपी सुशेन मोहन गुप्ता की डायरी में था और उसके नाम 50 करोड़ से ऊपर के लेनदेन की एंट्री हो रखी थी। ED का कहना था कि गुप्ता इस नाम का गलत मतलब बता रहा है।
राजनीतिक टकराव का केंद्र बन सकता है खुलासा
घोटाले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी पर भी रिश्वत लेने के आरोप हैं। वहीं, RG नाम के राहुल गांधी से मिलने के कारण इसका भी राजनीतिक इस्तेमाल होता रहा है। अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ED की चार्जशीट में अहमद पटले जैसे बड़े नेता का नाम सामने आने के बाद इस पर राजनीतिक तूफान उठना तय है। राफेल पर घिरी भाजपा मुद्दे को कांग्रेस पर पलटवार करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
क्या है अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला?
भारतीय वायुसेना ने इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 12 VVIP हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए 3,600 करोड़ रुपये का सौदा किया था, जिसे भारत सरकार ने जनवरी 2014 में रद्द कर दिया था। सौदे में 360 करोड़ रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोप लगे थे। इटली की एक अदालत ने अपने फैसले में पुष्टि की थी कि कंपनी ने ठेका पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 100-125 करोड़ रुपये तक की रिश्वत दी थी।