लोकसभा में कल पेश नहीं होगा 'एक देश एक चुनाव' विधेयक, सरकार ने किया स्थगित
पूरे देश में एकसाथ चुनाव कराने के लिए लाया गया 'एक देश एक चुनाव' मसौदा विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस योजना को अभी स्थगित कर दिया है। सरकार ने लोकसभा में पेश किए जाने वाले संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ राज्यक्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक को दिन की कार्यसूची से हटा दिया है। अब इसके इस सप्ताह के अंत में पेश किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
वित्तीय मामलो और संविधान संबंधी बहस को दी गई प्राथमिकता
यह स्थगन ऐसे समय में किया गया है जब लोकसभा का ध्यान वित्तीय मामलों की ओर चला गया है, जिसमें अनुदानों की अनुपूरक मांगों पर चर्चा भी शामिल है। भाजपा के एक सांसद ने संकेत दिया कि सरकार ने राज्यसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर बहस को प्राथमिकता दी होगी। हालांकि, अभी इन्हें सोमवार के कार्यक्रम से हटा दिया गया है, लेकिन फिर भी अध्यक्ष की अनुमति से इन्हें बाद में प्रस्तुत किया जा सकता है।
क्या है विधेयकों का उद्देश्य?
प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन का उद्देश्य स्थानीय निकाय चुनावों को छोड़कर राष्ट्रीय और राज्य चुनावों को एकसाथ करना है। यह विधेयक एकसाथ चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 83, 172 और 327 में संशोधन करता है तथा एक नया अनुच्छेद 82(A) जोड़ता है। विधेयक में कहा गया है कि एकसाथ चुनाव 2034 तक शुरू नहीं होंगे और अगर, विधानमंडल समय से पहले भंग हो जाता है तो मध्यावधि चुनाव का प्रावधान किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी विधेयकों को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह इन विधेयकों को मंजूरी दे दी थी और संसदीय प्रक्रियाओं के अनुसार इन्हें सांसदों के बीच प्रसारित किया गया है। इस कदम से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और INDIA के बीच राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। NDA ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) जैसे विपक्षी दलों ने संघवाद और चुनावी निष्पक्षता पर इसके प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है।