रासायनिक उर्वरक के कारण 15 सालों में 50 प्रतिशत बढ़ जाएंगे कैंसर के मरीज- अमित शाह
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से अगले 10-15 सालों में कैंसर के मामले 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत की खेती एक खतरनाक भविष्य की तरफ बढ़ रही है। रासायनिक उर्वरकों के ज्यादा इस्तेमाल से देश की मिट्टी धीरे-धीरे बंजर हो रही है और जहर पानी के भूमिगत स्त्रोतों तक पहुंचने लगा है। आइये जानते हैं कि उन्होंने और क्या-क्या कहा?
शाह बोले- खतरे को पहचानने की जरूरत
अपने लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर में किसानों को वर्चुअली संबोधित करते हुए शाह ने कहा, "हमारे अनाज पहले ही जहरीले हो चुके हैं, लेकिन अगर अगले 10-15 सालों में पानी भी जहरीला हो गया तो वैज्ञानिक अनुमानों के हिसाब से कैंसर से ग्रस्त लोगों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाएगी। हमें इस खतरे को पहचानना होगा।" उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के समय से चले आ रहे तरीकों की समीक्षा न होने के चलते यह स्थिति पैदा हुई है।
प्राकृतिक खेती वापस ला सकती है उत्पादकता- शाह
गृह मंत्री ने बताया केवल प्राकृतिक खेती के जरिये ही मिट्टी की उत्पादकता को वापस लाया जा सकता है। गुजरात में दो लाख से अधिक किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है और दो सालों में 2.5 लाख हैक्टेयर में खेती के तरीके को बदल दिया है। इसका मतलब है कि गुजरात के किसानों ने इसके फायदों के पहचान लिया है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के तरीकों से पानी के इस्तेमाल को 50 प्रतिशत कम किया जा सकता है।
किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने का लक्ष्य
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शाह ने कहा, "सांसद होने के नाते मैंने फैसला किया है कि 2025 तक मेरे लोकसभा क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।" साणंद, बावला और कलोल तालुका के किसानों को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने अधिकारियों को इस साल के अंत तक हर गांव के 15 प्रतिशत किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखने को कहा है।
अमूल बनाएगी लैबोरेट्री
अमित शाह ने कहा कि जिन जगहों पर प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की संख्या ज्यादा है, वहां अमूल लैबोरेट्री शुरू करेगी। इनमें मिट्टी और कृषि उत्पाद को प्रमाणित करने के बाद अमूल ब्रांड के तहत बेचने का मौका मिलेगा।
अगले पांच सालों में 12 प्रतिशत बढ़ जाएंगे कैंसर के मामले- रिपोर्ट
2020 में आई भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय रोग सूचना और अनुसंधान केंद्र (NCIDR) की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि 2025 तक देश में कैंसर पीड़ितों की संख्या 12 प्रतिशत बढ़ सकती है। 2020 में भारत में इस जानलेवा बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या 13.9 लाख थी, जो 2025 तक बढ़कर 15 लाख हो जाएगी। कैंसर की चपेट में आने वाले नए लोगों में से सबसे ज्यादा पूर्वोत्तर इलाके से होंगे।
2025 तक 7.64 लाख पुरुष और 8.06 लाख महिलाएं होंगी कैंसर पीड़ित
रिपोर्ट में बताया गया था कि 2025 तक भारत में लगभग 7.64 लाख पुरुष और 8.06 लाख महिलाएं कैंसर से पीड़ित होंगी। लगभग दो लाख (14.8) प्रतिशत महिलाएं स्तन और लगभग 75,000 (5.4 प्रतिशत) गर्भाशय के कैंसर से जूझ रही होंगी। वहीं पुरुषों और महिला मरीजों में लगभग 2.7 लाख (19.7) प्रतिशत भोजननली के कैंसर से पीड़ित होंगे। यानी भोजननली का कैंसर बाकी दूसरे प्रकारों से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लेगा।