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सत्यपाल मलिक ने दिया स्पष्टीकरण, कहा- अमित शाह ने नहीं किया था प्रधानमंत्री मोदी का अनादर
सत्यपाल मलिक ने अपने बयान पर दिया स्पष्टीकरण

सत्यपाल मलिक ने दिया स्पष्टीकरण, कहा- अमित शाह ने नहीं किया था प्रधानमंत्री मोदी का अनादर

लेखन Adarsh Sharma
Jan 03, 2022
08:19 pm

क्या है खबर?

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कल एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात के बारे में कुछ बातें कहीं थीं। उनके अनुसार, अमित शाह ने उनसे कहा था, "सत्या, उनकी (मोदी) अक्ल मार रखी है लोगों ने, तुम बेफिक्र रहो, मिलते रहो, वे किसी न किसी दिन समझेंगे।" अब मलिक ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि अमित शाह का मकसद मोदी का अपमान करने का नहीं था।

मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी से हालिया मुलाकात के बारे में बता रहे थे मलिक

सत्यपाल मलिक ने कल दादरी में हुए एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हालिया मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा था, "जब मैं किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में उनसे लड़ाई हो गई। वो बहुत घमंड में थे। मैंने उनसे कहा कि जब एक कुत्ता भी मरता है तो आप शोक संदेश भेजते हैं, लेकिन किसानों की मौत पर आप चुप रहे।"

बयान

मोदी ने पूछा कि क्या मेरे लिए मरे किसान- सत्यपाल मलिक

मलिक ने कहा, "जब मैंने उनसे (मोदी) कहा कि हमारे 500 लोग मर गए तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए मरे हैं? मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे हैं क्योंकि आप राजा जो बने हुए हो। उन्होंने मुझे अमित शाह से मिलने के लिए कहा और मैं शाह से मिला।" मलिक ने आगे बताया कि शाह ने उनसे कहा, "सत्या, उनकी (मोदी) अक्ल मार रखी है लोगों ने, तुम बेफिक्र रहो, मिलते रहो, वे किसी न किसी दिन समझेंगे।"

स्पष्टीकरण

अमित शाह का मतलब मोदी का अपमान करने का नहीं था- मलिक

मोदी को लेकर अमित शाह के बयान पर विवाद के बाद अब मलिक ने अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिया है। NDTV की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, "अमित शाह मोदी जी का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के बारे में कुछ भी गलत इरादे से नहीं कहा था। उन्होंने मुझसे केवल इतना कहा कि कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री को भ्रमित कर रखा है और एक दिन वे यह समझेंगे।"

सलाह

भाजपा को नहीं अपनाना चाहिए कठोर रुख- मलिक

मलिक ने कहा, "मोदी जी ने जब चिंताओं को समझा तो उन्होंने कानूनों को रद्द कर दिया। अगर उन्होंने मेरी बात पहले सुनी होती तो राजनीतिक और जानमाल के नुकसान से बचा जा सकता था। लेकिन देर से ही सही।" उन्होंने आगे कहा, "भाजपा को कठोर रुख नहीं अपनाना चाहिए। प्रधानमंत्री द्वारा कानूनों के रद्दीकरण को लोगों ने अब स्वीकार कर लिया है। पहले उनके खिलाफ जो नाराजगी बढ़ गई थी, वो अब कम हो गई है।"