राष्ट्रपति चुनाव: द्रौपदी मुर्मू ने दाखिल किया नामांकन, प्रधानमंत्री मोदी समेत कई शीर्ष नेता रहे मौजूद

सत्तारूढ़ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोडी को अपना नामांकन सौंपा। इस दौरान उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के अन्य कई नेता भी मौजूद रहे। उन्होंने सोनिया गांधी, शरद पवार और ममता बनर्जी जैसे विपक्षी नेताओं को फोन कर उनका समर्थन भी मांगा।
आज नामांकन दाखिल करने से पहले कल मुर्मू ने प्रधानमंत्री मोदी, शाह, सिंह और नड्डा से मुलाकात भी की थी। इसके बाद जारी किए गए अपने एक छोटे से बयान में उन्होंने कहा था, "मैं सभी का शुक्रिया अदा करती हूं और राष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी का सहयोग मांगती हूं। मैं 18 जुलाई से पहले सभी वोटरों (विधायक और सांसद) से मिलूंगी और उनका समर्थन मांगूंगी।"
20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय की संथाल जनजाति से आती हैं। ओडिशा सरकार में जूनियर सहायक और रायरंगपुर के श्री अरविंदो इंटिग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में कई सालों तक शिक्षक रहने के बाद उन्होंने 1997 में पार्षद का चुनाव जीतकर अपनी राजनीति की शुरूआत की। वह 2000 और 2009 में भाजपा की टिकट पर रायरंगपुर सीट से विधायक चुनी गईं। मुर्मू झारखंड की राज्यपाल (2015-2021) भी रह चुकी हैं।
सभी राज्यों के विधायक और लोकसभा और राज्यसभा सांसद मिलकर राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। राज्यों के हिसाब से विधायकों के वोटों की वैल्यू अलग-अलग होती है, वहीं सांसदों के वोटों की वैल्यू एक समान होती है। राष्ट्रपति चुनाव में पड़ने वाले वोटों की वैल्यू कुल मिलाकर 10.86 लाख होती है और चुनाव जीतने के लिए 5.43 लाख वोट चाहिए। भाजपा, उसके सहयोगियों और समर्थन करने वाली पार्टियों के पास कुल 5.57 लाख वैल्यू के वोट हैं।
जैसा कि आंकड़ों से लगभग तय लग रहा है, अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव जीतती हैं तो वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। वह ओडिशा से आने वाली देश की पहली राष्ट्रपति भी होंगी। इसके साथ ही वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति भी बन जाएंगी। उनसे पहले केवल प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति रही हैं। अगला राष्ट्रपति मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की जगह लेंगी जिनका कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।