बिहार: नीतीश कुमार को नया उपमुख्यमंत्री मिलना लगभग तय, केंद्र भेजे जा सकते हैं सुशील मोदी
चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे नीतीश कुमार को इस बार नया उपमुख्यमंत्री मिलना लगभग तय है और भाजपा सुशील कुमार मोदी की जगह तारकिशोर प्रसाद को उपमुख्यमंत्री बना सकती है। प्रसाद को कल ही भाजपा के विधायक दल का नेता चुना गया है और इसके बाद उनका उपमुख्यमंत्री बनना महज औपचारिकता है। NDTV के सूत्रों के अनुसार, सुशील मोदी को केंद्र सरकार में कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक में लिया गया फैसला
तारकिशोर प्रसाद को रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव और चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में हुई भाजपा की बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया। खुद सुशील मोदी ने प्रसाद के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसके बाद सभी विधायकों ने इस पर सहमति जताई। इसके अलावा बेतिया से विधायक रेणू देवी को विधायक दल का उपनेता चुना गया और उन्हें दूसरा उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें भी हैं।
कौन हैं तारकिशोर प्रसाद?
भाजपा के विधायक दल के नेता चुने गए 64 वर्षीय तारकिशोर प्रसाद कटिहार से विधायक हैं और वे लगातार चार बार से यहां चुनाव जीतते हुए आ रहे हैं। 12वीं पास प्रसाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के दिनों से संघ परिवार से जुड़े हुए हैं और बिहार भाजपा में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। अपने हलफनामे में उन्होंने व्यापार और कृषि को अपना पेशा बताया है और उनके पास 1.9 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
पहली बार बिहार में NDA सरकार में शामिल नहीं होंगे सुशील मोदी
बता दें कि ये पहली बार होगा जब बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बन रही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार में सुशील मोदी शामिल नहीं होंगे। इससे पहले 2005, 2010 और 2017 जब-जब नीतीश ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई, सुशील उनके मुख्यमंत्री बने थे और दोनों की जोड़ी काफी चर्चित थी। माना जा रहा है कि हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में उन्हें राज्य से बाहर भेजने का फैसला हुआ था।
ट्वीट कर बोले मोदी- भाजपा और संघ परिवार ने बहुत कुछ दिया
सुशील मोदी बिहार की राजनीति में अब सक्रिय नहीं रहेंगे, इसकी एक झलक रविवार को किए गए उनके एक ट्वीट से भी मिली। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया कि शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा। आगे भी जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसका निर्वहन करूंगा। कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।' मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें केंद्रीय मंत्री या राज्यपाल बनाया जा सकता है।
125 सीटों के साथ सत्ता में वापस आने में कामयाब रहा है NDA
10 नवंबर को आए बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में NDA 125 सीटों के साथ सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही थी। इसमें से 74 सीटें भाजपा ने जीतीं और अब वह बिहार में बड़े भाई की भूमिका में है। नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 43 सीटें मिली हैं। 75 सीटों के साथ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी है। महागठबंधन को कुल 110 सीटें मिली हैं।