बिहार: भाजपा और उसके सहयोगियों में सीटों का बंटवारा हुआ, चिराग पासवान को मिलीं 5 सीटें
क्या है खबर?
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारा लगभग-लगभग पूरा हो गया है। बुधवार को लोक जनशक्ति पार्टी (LJP रामविलास) के चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की, जिसमें सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में सहमति बन गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिराग को 5 सीटें मिली हैं। बताया जा रहा है कि सीट बंटवारे पर बातचीत चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस की वजह से अटकी हुई थी।
बिहार
बिहार में कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव?
सीट बंटवारे के फॉर्मूले के तहत भाजपा बिहार की 17, नीतीश कुमार की जनता दल युनाइटेड (JDU) 16, चिराग की LJP 5 और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाह की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगी।
बता दें कि राज्य में लोकसभा की 40 सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में NDA ने 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी और केवल एक सीट विपक्ष को मिली थी।
LJP
किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी चिराग की पार्टी?
इंडिया टु़डे के मुताबिक, चिराग को हाजीपुर, वैशाली, जमुई, समस्तीपुर और खगड़िया सीटें मिली हैं। हाजीपुर सीट को लेकर चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच विवाद चल रहा था।
पारस को कोई सीट नहीं मिलेगी। उनके भतीजे प्रिंस राज को बिहार कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है। प्रिंस समस्तीपुर से लोकसभा सांसद हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पशुपति पारस को बिहार के राज्यपाल पद की पेशकश की गई है।
सीटें
LJP के दोनों धड़ों को की गई थी 6 सीटों की पेशकश
इससे पहले कथित तौर पर चिराग को 6 सीटों की पेशकश की गई थी, जिसे उन्हें अपने चाचा के साथ मिलकर साझा करना था। हालांकि, इस पर सहमति नहीं बन सकी।
इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि विपक्षी गठबंधन INDIA ने चिराग को बिहार में 6 और उत्तर प्रदेश में 2 सीटें देने का प्रस्ताव दिया है।
चिराग ने दावा भी किया था कि हर पार्टी और हर गठबंधन उन्हें अपने पक्ष में चाहता है।
नाराजगी
सीट बंटवारे से नाराज पशुपति पारस?
बताया जा रहा है कि एक भी सीट न मिलने की वजह से पशुपति पारस नाराज हैं। उन्होंने आज दिल्ली में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है, जिसमें कुछ बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
सीट बंटवारा तय होने के बाद पशुपति पारस ने पार्टी नेताओं से भी बात की। दावा किया जा रहा है कि बैठक के बाद पशुपति पारस महागठबंधन के साथ जाने का फैसला भी ले सकते हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पार्टी LJP में उत्तराधिकार को लेकर चिराग और पशुपति पारस के बीच जंग छिड़ गई थी।
जुलाई, 2021 में LJP के 5 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिख चिराग को अपना नेता मानने से इनकार कर दिया था और पशुपति पारस को अपना नेता चुन लिया था।
इसके बाद पार्टी 2 धड़ों में बंट गई थी। चिराग वाला धड़ा LJP रामविलास और पशुपति पारस वाला राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी कहलाया।