नवजोत सिंह सिद्धू बने पंजाब कांग्रेस के नए प्रमुख, काम नहीं आया अमरिंदर सिंह का विरोध
क्या है खबर?
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के विरोध को दरकिनार करते हुए कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश का प्रमुख बना दिया है।
पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने यह फैसला लिया है।
संगत सिंह, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।
पंजाब में अमरिंदर सिंह जहां सरकार के कैप्टन होंगे, वहीं सिद्धू के हाथ पार्टी की कमान होगी।
जानकारी
सिंह ने किया था सिद्धू के प्रमोशन का विरोध
पंजाब में लंबे समय से सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच टकराव चल रहा था। सिद्धू ने कुछ ट्वीट कर अमरिंदर सिंह सरकार पर सवाल उठाए थे।
इसके बाद दोनों के बीच जारी टकराव बढ़ गया और शीर्ष नेतृत्व को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। मामला सुलझाने के लिए कांग्रेस ने एक समिति बनाई, जिसने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपी।
सिद्धू के प्रमोशन की अटकलों के बीच अमरिंदर सिंह ने इसका विरोध करते हुए सोनिया को पत्र भी लिखा था।
पंजाब कांग्रेस
अमरिंदर सिंह के लिए बड़ा झटका
सूत्रों ने बताया कांग्रेस नेतृत्व ने सिद्धू के प्रमोशन को लेकर अमरिंदर सिंह के विरोध को तो नजरअंदाज किया ही है, साथ ही कार्यकारी अध्यक्षों के लिए उनके सुझाए नामों पर भी विचार नहीं किया गया।
सिंह की मांग थी कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें सभी महत्वपूर्ण फैसलों में भागीदार बनाया जाए और कार्यकारी अध्यक्षों के चुनाव के लिए खुली छूट दी जाए।
यहां तक कि सिद्धू से माफी मंगवाने की उनकी मांग भी पूरी नहीं हुई है।
पंजाब कांग्रेस
सिद्धू के पार्टी छोड़ने का था खतरा
कई जानकारों का कहना था कि अगर कांग्रेस सिद्धू को पंजाब प्रदेश इकाई की कमान नहीं सौंपती तो वो आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते थे।
सिद्धू को प्रमोशन देने का ऐलान रविवार शाम को हुआ। इससे पहले दिन में पंजाब से कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों ने बैठक कर पार्टी नेतृत्व को संदेश दिया था कि इस पद पर सिद्धू उन्हें स्वीकार्य नहीं होंगे।
इस फैसले के पीछे गांधी भाई-बहन की अहम भूमिका बताई जा रही है।
पंजाब
कांग्रेस के लिए खड़ी हुई नई चुनौती
पंजाब प्रदेश इकाई का प्रमुख चुने जाने के बाद कांग्रेस के लिए अब एक और चुनौती खड़ी हो गई है। अब यह देखना होगा कि पार्टी सिद्धू और सिंह के बीच बनी टकराव की स्थिति से कैसी निपटती है।
एक सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर कांग्रेस अगले साल विधानसभा चुनाव जीतकर फिर सत्ता में वापसी करती है तो क्या अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे या अभी की तरह सिद्धू को आगे किया जा सकता है।
जानकारी
पिछले चुनावों से पहले कांग्रेस में आए थे सिद्धू
2017 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से कांग्रेस में आए सिद्धू ने पार्टी में अमरिंदर सिंह के विरोधियों के बीच अपना आधार मजबूत किया है।
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि लोग उन्हें मुद्दे आधारित राजनीति करने वाले नेता के तौर पर देखते हैं और वो बादल परिवार के शिरोमणि अकाली दल के मुखर विरोधी हैं।
कांग्रेस को उम्मीद है कि नए चेहरे के तौर पर सिद्धू विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।