उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन से परहेज नहीं, प्रियंका गांधी ने दिए संकेत
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश चुनावों की तैयारियों में जुट गई हैं। इन दिनों तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे पर पहुंची प्रियंका पार्टी कार्यकर्ताओं और दूसरे लोगों से मुलाकात कर रही हैं। इसी बीच उन्होंने आगामी चुनावों में कांग्रेस की रणनीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। प्रियंका ने कहा कि विधानसभा चुनावों में किसी अन्य दल के साथ गठबंधन करने से इनकार नहीं किया जा सकता। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
परिस्थिति देखकर लिया जाएगा फैसला- प्रियंका
गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा कि परिस्थितियों के आधार पर इसका फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का लक्ष्य भाजपा को हराना है। हम क्लोज माइंडेड नहीं हैं, पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे, जिससे संगठन और पार्टी के हितों को नुकसान होता हो।" प्रियंका ने कहा कि पिछले उत्तर प्रदेश में पिछले डेढ़ साल में कांग्रेस का संगठन मजबूत हुआ है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कही थी अकेले चुनाव लड़ने की बात
इसी महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय सिंह लल्लू ने कहा था कि सपा और बसपा के साथ गठबंधन न कर कांग्रेस के पास अकेले चुनाव लड़ने और सत्ता में आने की काबिलियत है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस किसानों, गरीबों, महिलाओं और शोषित वर्ग के मुद्दों के साथ गठबंधन करेगी। लल्लू ने यह भी कहा कि कांग्रेस प्रियंका गांधी की देखरेख में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
प्रियंका के नेतृत्व में सरकार बनाएगी कांग्रेस- लल्लू
जब लल्लू से पूछा गया कि क्या प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। दोबारा जब उनसे पूछा गया कि क्या चुनावों में प्रियंका कांग्रेस का चेहरा होंगी तो उन्होंने जवाब दिया कि वो प्रदेश प्रभारी हैं और उनकी देखरेख में चुनाव लड़ा जाएगा। लल्लू ने कहा कि कार्यकर्ताओं में जोश है और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएगी।
बड़ी पार्टियों के साथ नहीं जाएगी सपा, अकेली लड़ेगी बसपा
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अखिलेश यादव ने ऐलान कर दिया है कि समाजवादी पार्टी बड़े दलों के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने छोटी पार्टियों को साथ लेकर चलने की बात कही है। वहीं मायावती ने कहा है कि बसपा अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी। बता दें कि 2017 में कांग्रेस ने सपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन राहुल और अखिलेश की जोड़ी कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी।
अगले साल होंगे विधानसभा चुनाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा और बसपा जैसी क्षेत्रीय पार्टियों में है। भाजपा का लक्ष्य इन चुनावों में 2017 के अपने प्रदर्शन को दोहराना है और उसने चुनाव से पहले जनसंख्या नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है। हालांकि, किसान आंदोलन और कोरोना महामारी ने उसकी राह को मुश्किल किया है। दूसरी तरफ विपक्ष भाजपा को सत्ता से बाहर करना चाहेगा।