केंद्र सरकार की राज्यों को सलाह, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बढ़ाई जाए टेस्टिंग
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के लक्षण नजर आने लग गए हैं। उत्तर और केंद्र भारत के कई राज्यों में अब तेजी से संक्रमण का प्रसार होने लगा है।
इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने भी आवश्यक कदम उठाते हुए चार राज्यों में महामारी पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय टीमों को रवाना कर दिया है।
इसी बीच केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी से बचाव के लिए टेस्टिंग बढ़ाने की सलाह दी है।
हालत
इन राज्यों में बिगड़ रहे हैं हालात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में राष्ट्रयी राजधानी दिल्ली में सबसे अधिक तेजी से नए मामले सामने आ रहे हैं।
यहां गत 11 नवंबर को रिकॉर्ड 8,593 नए मामले और 18 नवंबर को रिकॉर्ड 131 मरीजों की मौत हुई है।
इसी तरह महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन यहां प्रत्येक 10 लाख लोगों पर राष्ट्रीय औसत 94,679 से कम टेस्टिंग की जा रही है।
सलाह
टेस्टिंग बढ़ाकर किया जा सकता है संक्रमण के प्रसार पर नियंत्रण
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि वर्तमान में यूरोप और अमेरिका में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए देश में भी अपेक्षित सावधानी बरतने की जरूरत है।
ऐसे में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को संक्रमण के प्रसार पर नियंत्रण करने के लिए फिर से टेस्टिंग की संख्या में इजाफा करने की जरूरत है। इसके अलावा राज्यों को महामारी से बचाव के अन्य उपायों का भी सख्ती से पालन कराना होगा।
टेस्टिंग
देश में अब तक किए जा चुके हैं 13 करोड़ से अधिक टेस्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में देश में 2,115 सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं पर प्रतिदिन औसतन 10 लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। ऐसे में अब तक 13 करोड़ से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं।
वर्तमान में सबसे अधिक टेस्ट उत्तर प्रदेश में 1,40,25,713, बिहार में 1,00,99,322 और तमिलनाडु में 95,17,507 टेस्ट किए गए हैं।
इसी तरह सिक्किम में सबसे कम टेस्ट 55,797, मेघायल में 57,707 और मिजोरम 1,04,131 टेस्ट ही किए गए हैं।
सकारात्मकता
पांच प्रतिशत से कम रखनी है सकारात्मकता दर
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत की सकारात्मकता दर 3.4 प्रतिशत तक आने के बाद अब नए मामलों की जांच के बाद 4 प्रतिशत तक पहुंच सकती है, लेकिन इसे और अधिक नहीं होने देना है।
विशेषज्ञों के अनुसार सकारात्मकता दर के पांच प्रतिशत से कम होने पर माना जाता है कि संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। ऐसे में सभी राज्यों को संयुक्त प्रयास करते हुए इस दर को पांच प्रतिशत से ऊपर नहीं जाने देना है।
जानकारी
शुक्रवार को 10 राज्यों में हुई 83 प्रतिशत मौतें
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार को देश में हुई 564 मौतों में से 83 प्रतिशत 10 राज्यों में हुई है। इनमें सबसे अधिक मौत महाराष्ट्र में 155, दिल्ली में 118 और पश्चिम बंगाल में 50 मरीजों की हुई है। इस पर नियंत्रण की जरूरत है।
प्रतिक्रिया
बढ़ती मौतों के बाद भी 1.57 प्रतिशत पर टिकी हुई है मृत्यु दर- डॉ धमीजा
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डॉ राजिंदर के धमीजा ने कहा कि पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह मामलों की संख्या और सकरात्मकता दर में कमी आई है। दिल्ली में अधिक मौतों का कारण पुराने मामले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमेशा संक्रमण और मौतों की संख्या में अंतर होता है, लेकिन मामले बढ़ने पर मौतें भी बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों संक्रमण और मौतें अधिक होने के बाद भी मृत्यु दर 1.57 प्रतिशत पर बनी है।
जानकारी
पूरे देश में क्या है कोरोना वायरस महामारी की स्थिति?
भारत में अभी तक 90.50 लाख लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं लगभग 1.33 लाख लोगों की मौत हुई है। अभी रोजाना 40,000 से 50,000 के बीच नए मामले सामने आ रहे हैं और रिकवरी रेट 93 प्रतिशत है।
प्रयास
चार राज्यों में भेजी केंद्रीय टीमें
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने संक्रमण से जूझ रहे हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मणिपुर में विशेष टीमों को रवाना किया है।
ये टीम इन राज्यों में बिगड़ी स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास करेगी। राज्यों में तैनात की गई विशेष टीमें संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्यों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को मजबूती देने का काम करेगी।
इसी तरह ये टीमें संक्रमण के मामलों को नियंत्रित करने, निगरानी और जांच के कार्यों को मजबूती देगी।