दिल्ली हिंसा पर हरियाणा के मंत्री रणजीत चौटाला बोले- जिंदगी का हिस्सा हैं दंगे
क्या है खबर?
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिल्ली में लगी हिंसा की आग मे अब तक एक हेड कांस्टेबल सहित 35 लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक घायल हैं।
एक ओर जहां हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूटा पड़ा है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा सरकार के मंत्री रणजीत चौटाला के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि दंगे तो होते रहते हैं और ये जिंदगी का हिस्सा हैं।
बयान
चौटाला ने दिया गैर जिम्मेदाराना बयान
चंडीगढ़ में विधानसभा के बाहर चौटाला ने कहा कि दंगे तो होते रहते हैं, पहले भी होते रहे हैं। ऐसा नहीं है जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो पूरी दिल्ली जलती रही थी। यह तो जिंदगी का एक हिस्सा है, जो होते रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "सरकार इस मामले को मुस्तैदी से कंट्रोल कर रही है। यह दिल्ली का मामला है और ज्यूडीशियल मामला है। इस पर ज्यादा कुछ नहीं कह सकता हूं।"
जानकारी
हरियाणा सरकार में हैं ऊर्जा मंत्री रणजीत
बता दें कि रणजीत हरियाणा के ऊर्जा मंत्री हैं। वह सिरसा के रानिया से निर्दलीय चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे और बाद में उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया। वो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल के पुत्र हैं और ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई हैं।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें पूरा वीडियो
#WATCH Haryana Minister Ranjit Chautala on #DelhiViolence: Dange toh hote rahe hain. Pehle bhi hote rahe hain, aisa nahi hai. Jab Indira Gandhi ka assassination hua, toh puri Delhi jalti rahi. Yeh toh part of life hai, jo hote rehte hain. pic.twitter.com/b2zeJRbfmp
— ANI (@ANI) February 27, 2020
अमेरिकी आयोग
हिंसा को लेकर सरकार की हो रही आलोचना
चौटाला ने भले ही दिल्ली हिंसा पर अजीब बयान दिया हो, लेकिन दुनियाभर में हिंसा को लेकर आलोचना हो रही है।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी मुद्दों पर बने एक अमेरिकी आयोग ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपने कर्तव्य में विफल रही है।
वहीं विदेश मंत्रालय ने इसे गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी करार देते हुए उसके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग (USCIRF) में जाने की चेतावनी दी है।
विपक्ष
हिंसा को लेकर विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल
दिल्ली हिंसा पर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आने के साथ देश में विपक्ष और अन्य नेताओं ने भी सरकार को जमकर आडे हाथों लिया है।
कांग्रेस नेता पी चिंदंबरम, राहुल गांधी, TMC प्रमुख ममता बनर्जी सहित अन्य नेताओं ने हिंसा पर दुख प्रकट करते हुए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
वहीं, सोनिया गांधी समेत कई कांग्रेस नेता राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे और गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग की।
सुनवाई
दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को दिए कार्रवाई के निर्देश
उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वे दिल्ली में 1984 जैसी घटना दोबारा नहीं होने दे सकते।
कोर्ट 1984 में दिल्ली में हुए सिख दंगों की तरफ इशारा कर रही थी।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने पर विचार करने को भी कहा था, जिसकी अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।