INX मीडिया केस: सामने आए चिदंबरम, CBI और ED की टीमें गिरफ्तार करने पहुंची घर
INX मीडिया केस में लटकती गिरफ्तारी की तलवार के बीच पिछले 24 घंटे से गायब कांग्रेस नेता पी चिदंबरम बुधवार देर शाम नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। यहां मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि INX मीडिया केस में उन पर कोई भी अपराध करने का आरोप नहीं लगा है और मामले में कोई भी चार्जशीट दाखिल नहीं की है। इस बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमें उनके घर पहुंच गई हैं।
अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद बढ़ गई थी गिरफ्तारी की आशंका
कल दिल्ली हाई कोर्ट ने INX मीडिया केस में चिदंबरम की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन पर गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गई। इस बीच वह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को उनकी अपील पर सुनवाई करेगा।
सामने आए चिदंबरम, INX मीडिया केस में जारी किया बयान
"स्वतंत्रता है लोकतंत्र का आधार"
चिदंबरम ने कहा कि लोकतंत्र का आधार स्वतंत्रता है और उनसे जीवन और स्वतंत्रता के बीच चुनने को पूछा जाता है तो वह स्वतंत्रता चुनेंगे। उन्होंने कहा, "पिछले 24 घंटे में काफी कुछ हुआ है, जिससे कुछ को चिंता और कई को भ्रम हुआ। INX मीडिया केस में मुझ पर या मेरे किसी परिवार के सदस्य पर अपराध करने का आरोप नहीं लगा है। ED और CBI ने मामले में किसी कोर्ट के सामने कोई चार्जशीट दायर नहीं की है।"
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के सामने झुकता हूं- चिदंबरम
चिदंबरम ने आगे कहा, "मैं हैरान रह गया कि मुझ पर कानून से छिपने का आरोप लगाया जा रहा है। इसके विपरीत मैं कानून से संरक्षण मांग रहा था। मेरे वकीलों ने बताया कि मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के सामने झुकता हूं। जांच एजेंसियां कानून का भेदभावपूर्ण तरीके से इस्तेमाल कर रही हैं, इसके बावजूद में कानून का सम्मान करता हूं।" बयान जारी करने के बाद चिदंबरम कांग्रेस मुख्यालय से चले गए।
क्या है INX मीडिया केस?
INX मीडिया केस में चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर पीटर और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी INX मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से रिश्वत लेने का आरोप है। आरोपों के अनुसार, 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड लेने की अनुमति दिलाने के लिए उन्होंने 2007 में कंपनी से ये रिश्वत ली थी। तब चिदंबरम UPA सरकार में वित्त मंत्री थे और उन पर आरोप है कि कंपनी को नियमों के विपरीत सरकारी अनुमति दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।