ऑटो पर लिखवाया 'आई लव केजरीवाल' तो कटा 10 हजार का चालान, कोर्ट पहुंचा मामला
क्या है खबर?
एक ऑटो पर 'आई लव केजरीवाल' लिखा होने के कारण उसके ड्राइवर का 10,000 रुपये का चालान कट गया।
ड्राइवर ने इसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर कोर्ट ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार, पुलिस और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
ड्राइवर ने दावा किया है कि राजनीतिक द्वेष के चलते उसका चालान काटा गया है। इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार, पुलिस और चुनाव आयोग से अपना रूख स्पष्ट करने को कहा है।
याचिका
याचिकाकर्ता का क्या कहना है?
याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने अपने ऑटो पर 'आई लव केजरीवाल' और 'सिर्फ केजरीवाल' लिखा था।
ड्राइवर का कहना है कि सरकारी विभाग ने ऐसा कोई नोटिस जारी नहीं किया है, जिसमें ऐसे विज्ञापन पर रोक लगाई गई है।
उन्होंने दावा किया कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत गैरकानूनी तरीके से उनका चालान किया गया है। इसे लेकर उसने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
दलील
दिल्ली सरकार और पुलिस का क्या कहना है?
दिल्ली सरकार और पुलिस के वकील ने कोर्ट को बताया कि ड्राइवर का 10,000 रुपये का चालान क्यों किया गया, इसकी जांच करने के लिए समय चाहिए। साथ ही उन्होंने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने की बात कही है।
वहीं चुनाव आयोग के वकील का कहना है कि हो सकता है यह कार्रवाई आचार संहिता के उल्लंघन करने के लिए की गई हो। आचार संहिता में राजनीतिक विज्ञापन पर रोक रहती है।
दलील
याचिकाकर्ता के वकील ने दी यह दलील
चुनाव आयोग की दलील पर ऑटो ड्राइवर के वकील ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो यह राजनीतिक विज्ञापन नहीं है। दूसरा, अगर यह राजनीतिक विज्ञापन है तो भी इसके लिए किसी राजनीतिक दल ने पैसा नहीं दिया है। यह याचिकाकर्ता के खर्च पर बनवाया गया है।
उन्होंने कोर्ट में यह भी दलील दी कि आदर्श आचार संहिता किसी व्यक्ति को अपने पैसे से राजनीतिक विज्ञापन बनाने से नहीं रोकती नहीं है।
सुनवाई
3 मार्च को होगी अगली सुनवाई
ड्राइवर के वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, सार्वजनिक यातायात के वाहनों के दाईं, बाईं और पीछे की तरफ राजनीतिक विज्ञापन लगाए जा सकते हैं। इसमें ऑटो भी शामिल हैं।
सभी पक्षों की तरफ दलील सुनने के बाद कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई से पहले जवाब दायर करने को कहा है। इस मामले में अगले सुनवाई 3 मार्च को होगी।