दिल्ली हिंसा: कांग्रेस ने राष्ट्रपति से की गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मिला। राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपते हुए कांग्रेस ने उनसे राजधर्म की सुरक्षा करने के लिए उनकी शक्तियों का प्रयोग करने और गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग की। मीडिया से बात करते हुए सोनिया ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मूकदर्शक बनकर हिंसा देखते रहे और कुछ नहीं किया।
हिंसा में अब तक 35 लोगों की मौत
उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में रविवार के बाद लगातार तीन दिन नागरिकता कानून (CAA) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा हुई थी। इस हिंसा में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल हैं। बुधवार शाम से स्थिति में कुछ सुधार आया है और सुरक्षा बल हिंसा पर काबू पाने में कामयाब रहे हैं।
कांग्रेस ने पूछा- कहां थे अमित शाह?
इसी सिलसिले में गुरुवार को कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति कोविंद से मिलकर ज्ञापन सौंपा। इसमें कांग्रेस ने कहा कि स्थिति को संभालने के बजाय केंद्र और दिल्ली सरकार मूकदर्शक बन कर देखती रहीं और हिंसा चलती रही। कांग्रेस ने सवाल पूछा है कि हिंसा के समय अमित शाह कहां थे और वो ऐसी किस चीज में व्यस्त थे कि इस गंभीर मसले पर ध्यान देने में नाकाम रहे। इसमें दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों पर भी सवाल उठाए गए हैं।
सरकार को राजधर्म याद दिलाना राष्ट्रपति की जिम्मेदारी- कांग्रेस
ज्ञापन में लिखा है, 'राष्ट्रपति जी भारत के संविधान के तहत आपको सरकार की अंतरात्मा की आवाज और उसे संवैधानिक कर्तव्य और राजधर्म के स्तंभों के बारे में याद दिलाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।'
सोनिया बोलीं- राष्ट्रपति के भरोसे से संतुष्ट
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "केंद्र और दिल्ली सरकार कई लोगों की जान लेने वाली हिंसा को मूकदर्शक बनकर देखते रहे। राष्ट्रपति ने कहा कि वे हमारी मांगों का संज्ञान लेंगे। हम इससे संतुष्ट हैं।" अमित शाह की बर्खास्तगी की मांग को दोहराते हुए उन्होंने कहा, "हमने राष्ट्रपति से राजधर्म की रक्षा के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया।"
मनमोहन सिंह बोले- हिंसा राष्ट्रीय शर्म का विषय
वहीं मनमोहन सिंह ने कहा, "हमने राष्ट्रपति को बताया कि दिल्ली में पिछले चार दिन में जो हुआ है वो बेहद चिंता और राष्ट्रीय शर्म का विषय है। ये केंद्र सरकार की असफलता का प्रतीक है।"