इस बार दिसंबर में क्यों पड़ रही है इतनी ठंड? जानिये कारण
हर बार दिसंबर और जनवरी के महीने में उत्तर भारत में सर्दी, बारिश और धुंध आती है, लेकिन इस बार ठंड हर साल से ज्यादा है। मौसम विभाग का कहना है कि यह पिछले 22 सालों का सबसे ठंडा और पिछले 118 सालों में दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर हो सकता है। यानी इस बार ठंड 22 साल का रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है। आइये, जानतेे हैं कि इस बार इतनी ठंड पड़ने का कारण क्या है।
इस बार तापमान में कितना अंतर?
उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में दिसंबर के दूसरे और जनवरी के पहले पखवाड़े में तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।। दिसंबर में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान 16-18 डिग्री और दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, लेकिन इस बार तापमान सामान्य से नीचे है। इस सर्दी में अधिकतर इलाकों में अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे रह रहा है।
20 डिग्री से कम कब-कब रहा औसत तापमान?
राजधानी दिल्ली में इस महीने का औसत तापमान 20 डिग्री से कम रहा है। पिछले 118 सालों में ऐसा महज चार बार हुआ है। इससे पहले 1919, 1929, 1961 और 1997 में तापमान 20 डिग्री से कम था।
क्या इतनी सर्दी असामान्य है?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि साल के इस समय में इस इलाके में इतनी सर्दी पड़ना कोई असमान्य घटना नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी से आने वाली ठंडी हवाएं सर्दी लाती हैं। इन्ही हवाओं की वजह से उत्तर और उत्तर-पश्चिमी इलाके में बारिश होती है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और नजदीकी इलाके में इस समय होने वाली बर्फबारी भी इस इलाके मे ठंड को और बढ़ा देती है।
भारत के नजदीकी देशों में भी ऐसे हालात
भारत में जम्मू-कश्मीर में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। भारत के अलावा अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान आदि देशों में भी औसतन तापमान 1-5 डिग्री के बीच बना हुआ है।
जलवायु परिवर्तन भी ठंड की एक वजह
कई जानकार दिसंबर में पड़ रही इस ठंड के पीछे जलवायु परिवर्तन को कारण बता रहे हैं। पिछले कुछ सालों में शीतलहर और लू चलने में बढ़ोतरी हुई है। ऐसा ही बारिश और सूखे के साथ हुआ है। कुछ जगहों पर सूखा लंबा खींच रहा है तो कई स्थानों पर भारी बारिश थमने का नाम नहीं लेती। इस साल अगस्त और सितंबर में भारत में असामान्य रूप से बारिश हुई। सितंबर में हुई बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।
दूसरी वजह- पश्चिम से आने वाली हवाएं
उत्तर भारत में हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड के पीछे दूसरी वजह पश्चिमी विक्षोभ को माना जा रहा है। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवाएं कम ऊंचाई पर बह रही हैं, जिससे सर्दी और ज्यादा बढ़ रही है।
कम ऊंचाई पर बादल बनना एक और कारण
ठंड का तीसरा कारण 12-13 और 20-21 दिसंबर को हुई बारिश है। इससे हवा में नमी आई। नमी के कारण सुबह हल्की धुंध आती है। दिन होते-होते यह धुंध 100-300 मीटर ऊपर उठकर हल्के बादल बना लेती है। पाकिस्तान से लेकर बिहार तक फैले ये हल्के बादल सूरज की किरणों को धरती तक आने से रोकते हैं। धूप न होने के कारण तापमान लगातार कम बना रहता है। अगर धूप जमीन पर आए तो तापमान में बढ़ोतरी होती है।