भाजपा की IT सेल का यह सदस्य चलाता है 1,000 से अधिक व्हाट्सऐप ग्रुप्स, जानें
आज सोशल मीडिया लोगों को प्रभावित करने का एक बड़ा जरिया बन गया है और इसका राजनीति में जमकर इस्तेमाल हो रहा है। दुनियाभर के राजनीतिक दल लोगों तक सीधी पहुंच देने वाले इस माध्यम की ताकत को पहचान रहे हैं। भारत में केंद्र शासित भारतीय जनता पार्टी सोशल मीडिया की जंग में सबसे आगे है। आज हम आपको उसकी सोशल मीडिया विंग के एक ऐसे सदस्य के बारे में बताते हैं, जो 1000 से ऊपर व्हाट्सऐप ग्रुप्स चलाते हैं।
1,114 व्हाट्सऐप गु्प्स के एडमिन हैं दीपक दास
भाजपा की IT सेल के जिस सदस्य की हम बात कर रहे हैं, उनका नाम दीपक दास है। 36 वर्षीय दीपक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में भाजपा का सोशल मीडिया का काम संभालते हैं, जहां पहले चरण में मतदान हो रहा है। जिले की IT सेल के संयोजक दास ने अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि 1,114 व्हाट्सऐप ग्रुप्स के एडमिन हैं। इसके अलावा वह पार्टी के फेसबुक पेज और ट्विटर ट्रेंड्स को भी मैनेज करते हैं।
सुबह 6 बजे से काम में लग जाते हैं दीपक
दास ने बताया कि वह एक नंबर से 229 ग्रुप्स और दूसरे नंबर से 885 ग्रुप्स के एडमिन हैं। हर ग्रुप में न्यूनतम 30 और अधिकतम 250 सदस्य हैं। उनके अनुसार यह आंकड़ा लोगों के आने-जाने के कारण रोजाना बदलता रहता है। छोटा दवाखाना चलाने वाले दास सुबह 6 बजे से अपने काम में लग जाते हैं और दिनभर इन ग्रुप्स को संभालने में बेहद व्यस्त रहते हैं। एयर स्ट्राइक के समय तो उन्होंने 24 घंटों काम किया था।
ऐसे इकट्ठा किए लोगों के नंबर
40 लोगों की टीम का नेतृत्व करने वाले दास ने बताया, "शुरुआती प्रचार अभियानों में हमने घर-घर जाकर बात की थी। इसी दौरान हमने हर परिवार में मौजूद सभी स्मार्टफोन्स के नंबर ले लिए। हमें पार्टी के राष्ट्रीय ऑनलाइन सदस्यता अभियान से भी नंबर मिलेे।"
दास ने कहा, सोशल मीडिया है मूक हथियार
दास के अनुसार, उस जैसे कार्यकर्ताओं की बदौलत ही भाजपा दूरदराज के उन इलाकों में वोटर्स के बीच पहुंचने में कामयाब रहती है, जहां तृणमूल कांग्रेस के 'आतंकवाद और दबदबे' के कारण पार्टी के लिए प्रचार करना संभव नहीं है और जहां सोशल मीडिया एक मूक हथियार है। उन्हें कोलकाता स्थित राज्य IT सेल ने सोशल मीडिया की ट्रेनिंग दी थी। उन्होंने अमित शाह की एक बैठक में भी हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने सदस्यों को IT योद्धा बताया था।
मोदी के कारण भाजपा से जुड़े
दास ने 12वीं तक पढ़ाई की है, लेकिन तंगी के कारण आगे की शिक्षा जारी नहीं रख पाए। वह 2014 में नरेंद्र मोदी के कारण भाजपा से जुड़े और उन्हें ब्लॉक महासचिव बनाया गया। दास ने बताया, "2015 में मैंने एक एंड्रॉयड फोन खरीदा और भाजपा के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार करना शुरु कर दिया। इसी साल पार्टी ने मुझे 10,000 रुपये का एक फोन और पोर्टेबल चार्जर खरीद कर दिया। पार्टी मेरी यात्राओं के पैसे भी देती है।"
फेक अकाउंट के जरिए विरोधियों के ग्रुप्स में घुसते हैं IT सेल सदस्य
दास ने माना कि कई बार TMC ग्रुप्स में घुसने के लिए फेक अकाउंट का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, उन्होंने तृणमूल के ज्यादा फेक अकाउंट होने और अपनी टीम के लोगों का कोई फेक अकाउंट न होने की बात कही। उन्होने कहा, "कुछ ऐसे भी समर्थक है जो अपने खुद के अकाउंट के जरिए भाजपा का समर्थन करने से डरते हैं। कुछ के अकाउंट उन्हें TMC समर्थक के तौर पर दिखाते हैं और वह हमें अंदरूनी जानकारी देते हैं।"
दास को मिलती हैं धमकियां
दास के काम में खतरे भी कम नहीं हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर धमकियां मिलती रहती हैं। विरोधियों ने उनकी दुकान पर हमला भी किया था। उन्होंने कहा कि इसी कारण कई लोग खुलेआम पार्टी की गतिविधियों में शामिल नहीं होते। इस बीच दास ने कहा कि मौजूदा चुनाव में मतदान केंद्रों पर हिंसा होने की आशंका है और उनका काम इसकी तस्वीर और वीडियो लेकर वायरल करना और पार्टी के बड़े नेताओं को भेजना है।