रिपोर्ट में खुलासा- अपने यूजर्स का डाटा बेचना चाहती थी फेसबुक, तय हो गई थी कीमत
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक पिछले कुछ समय से लगातार विवादों में घिरी हुई है। अब कंपनी के लिए एक और विवाद खड़ा हो सकता है। दरअसल, एक वेबसाइट ने दावा किया है कि फेसबुक ने 2012 में यूजर्स का डाटा बेचने की योजना बनाई थी। हालांकि, बाद में इस योजना को टाल दिया गया। कंपनी ने $250,000 (लगभग Rs. 1.77 करोड़) में कुछ कंपनियों को अपने प्राइमरी यूजर्स के डाटा 'द ग्राफ API' तक एक्सेस देने की योजना बनाई थी।
क्या है मामला
फेसबुक ने अप्रैल, 2014 में ग्राफ API की परमिशन से जुड़ी सारी प्रक्रिया को बदल दिया था। इसके बाद कंपनी ने जून, 2015 में दी गई सारी एक्सेस को बंद कर दिया था। बतौर रिपोर्ट, फेसबुक ने निसान, रॉयल बैंक ऑफ कनाडा, क्रिसलर फिएट, एयरबीएनबी और नेटफ्लिक्स समेत दूसरी कंपनियों को ग्राफ API तक एक्सेस दी थी। इसके अलावा फेसबुक कर्मचारियों ने विज्ञापनदाताओं से यूजर्स की जानकारी तक एक्सेस लेने के लिए अधिक पैसों की मांग की बात की थी।
फेसबुक का पक्ष
फेसबुक ने कहा कि इस लिस्ट में निसान, क्रिसलर फिएट, रॉयल बैंक ऑफ कनाडा आदि कंपनियों के नाम गलती से शामिल हो गए। यह जानकारी ब्रिटिश पार्लियामेंट द्वारा फेसबुक से मांगे गए आंतरिक दस्तावेजों में सामने आई है। बता दें कि फेसबुक Six4Three द्वारा दायर मामले का सामना कर रही है। Six4Three ने फेसबुक पर कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने का आरोप लगाया था। वहीं फेसबुक ने Six4Three के इन आरोपों को झूठ बताया है।
क्या है Six4Three के आरोप
Six4Three कंपनी एक मोबाइल ऐप चलाती है। यह ऐप फेसबुक यूजर को फोटो जूम करने की सुविधा देती है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि फेसबुक ने बिना उसकी परमिशन यूजर की जानकारी, उनके फोटो और उनकी लोकेशन आदि की जानकारी हासिल की है। फेसबुक ने यह बात स्वीकार की है, लेकिन उसने कहा है कि इसके लिए यूजर्स की परमिशन ली गई थी। फेसबुक ने माना कि उनसे यूजर्स की फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज से जानकारियां जुटाई हैं।