सुप्रीम कोर्ट से भाजपा को झटका, नहीं मिली पश्चिम बंगाल में रथयात्रा की अनुमति
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में रथयात्रा निकालने की तैयारी में लगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
कोर्ट ने भाजपा को राज्य में रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की शंकाए निराधार नहीं हैं।
बता दें, भाजपा दिसंबर में पश्चिम बंगाल में रथयात्रा आयोजित करना चाहती थी, लेकिन राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी थी।
आदेश
राज्य सरकार रखें राजनीतिक दलों के अधिकारों का ख्याल
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी फिर से अपनी रैलियों और सभाओं का कार्यक्रम राज्य सरकार को भेजें।
वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वो भाजपा के इस प्रस्ताव पर संवैधानिक दृष्टि से फैसला लें ताकि किसी राजनीतिक दल के मौलिक अधिकारों का हनन न हो।
गौरतलब है कि राज्य सरकार और भाजपा के बीच इस मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी था।
मामला
कानून व्यवस्था का हवाला देकर नहीं दी गई अनुमति
भाजपा 7 दिसंबर को कूचबिहार, 9 दिसंबर को 24 परगना और 14 दिसंबर को बीरभूम के तारापीठ से रथयात्रा निकालने की योजना बना रही थी, लेकिन राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी थी।
इसके बाद मामला हाई कोर्ट से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
राज्य सरकार ने कोर्ट में बताया कि रथयात्रा की वजह से राज्य में कानून-व्यवस्था में दिक्कत हो सकती है, लेकिन सरकार को छोटी-बड़ी सभा से कोई परेशानी नहीं है।
हाई कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा हाई कोर्ट का फैसला
रथयात्रा की अनुमति नहीं मिलने के बाद भाजपा इस मामले को लेकर हाई कोर्ट पहुंची।
हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने भाजपा को रथयात्रा निकालने की अनुमति दे दी थी, जिसे लेकर राज्य सरकार ने हाई कोर्ट की डिविजन बेंच में अपील की।
डिविजन बेंच ने सिंगल बेंच का फैसला पलटते हुए रथयात्रा पर रोक जारी रखी, जिसे भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है।