टारगेट पूरा नहीं कर पाए कर्मचारी तो चीनी कंपनी ने दी सड़क पर रेंगने की सज़ा
क्या है खबर?
आजकल ज़्यादातर कंपनियों में टारगेट आधारित काम होता है। हर कर्मचारी को एक टारगेट दिया जाता है, जिसे तय समय में पूरा करना होता है।
टारगेट पूरा न होने पर ज़्यादातर कंपनियाँ अपने कर्मचारियों को सज़ा देती हैं, लेकिन चीन की एक कंपनी ने मानवता की सारी हदें पार करते हुए अपने कर्मचारियों को सड़क पर रेंगने की सज़ा दे दी।
इस समय घटना का वीडियो सोशल में पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
मामला
कंपनी की सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन की एक कंपनी के कर्मचारियों ने साल का टारगेट पूरा नहीं किया तो कंपनी ने सज़ा के तौर पर कर्मचारियों को बीच सड़क पर रेंगने के लिए मजबूर कर दिया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कंपनी की इस हरकत से हैरान लोगों ने कंपनी की आलोचना करनी शुरू कर दी। कई लोगों ने कंपनी की इस हरकत को अमानवीय भी बताया है।
ट्विटर पोस्ट
ट्विटर पर वीडियो वायरल
This Chinese company has a humiliating punishment for employees who fail to meet their targets. pic.twitter.com/cVod5xyXvI
— SCMP News (@SCMPNews) January 16, 2019
सज़ा
लोगो को रेंगते देख, पुलिस ने किया हस्तक्षेप
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग भीड़-भाड़ वाली सड़क पर रेंग रहे हैं।
आगे एक व्यक्ति झंडा लेकर चल रहा है और उसके पीछे कई कर्मचारी सूट-बूट में रेंग रहे हैं।
पुलिस द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद इसको रोका गया।
दरअसल, सुबह-सुबह ऑफ़िस पहुँचने पर कर्मचारियों को पता चला कि टारगेट पूरा न होने पर उन्हें सज़ा दी जाएगी।
कंपनी के नाम का अभी खुलासा नहीं हो पाया है।
जानकारी
सोशल मीडिया पर उठे कर्मचारियों पर भी सवाल
कई लोग कंपनी को स्थायी रूप से बंद करने की माँग कर रहे हैं तो वहीं कई लोगों ने कंपनी के कर्मचारियों पर ही सवाल उठा दिया। एक यूज़र ने कहा कि, क्या कर्मचारी ऐसा सैलरी न मिलने के कारण कर रहे थे।
अमानवीय हरकत
चीन में पहले भी हो चूका है ऐसा
इससे पहले चीन की एक कंपनी ने टारगेट पूरा न होने पर कर्मचारियों को खाने के लिए कॉकरोच और पीने के लिए पेशाब दिया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, समय पर काम पूरा न करने वाले कर्मचारियों को कंपनी बेल्ट से पिटती भी थी।
केवल यही नहीं कर्मचारियों को टॉयलेट वाले मग से पानी पीने के लिए मजबूर किया जाता था। बता दें कि कर्मचारी को यह सज़ा अकेले में नहीं बल्कि पूरे स्टाफ़ के सामने दी जाती थी।