दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच बातचीत जारी, जल्द होगा गठबंधन का ऐलान
आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच अब भी गठबंधन की संभावनाएं बाकी है। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। कांग्रेस की तरफ से संकेत दिए गए हैं कि वो AAP से गठबंधन को तैयार है। दिल्ली में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हैं। इस पर सहमति बनते ही गठबंधन को अंतिम रूप से दिया जाएगा। कांग्रेस के कहना है कि अगर मिलकर चुनाव लड़ा जाए तो सातों सीटें जीती जा सकती है।
कांग्रेस का रूख सकारात्मक
दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने AAP से गठबंधन की संभावनाओं को लेकर कहा कि दोनों पार्टियों को भाजपा को हराने के लिए साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि MCD चुनाव में कांग्रेस और AAP को मिलाकर 50 प्रतिशत और भाजपा को 35 प्रतिशत वोट मिले थे। इसलिए अगर दोनों पार्टियों में गठबंधन होता है तो भाजपा को हराया जा सकता है। उन्होंन कहा कि उनकी रणनीति बड़े दुश्मन को हराने की है इसलिए गठबंधन जरूरी है।
शीला दीक्षित को मनाने की कोशिश
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख शीला दीक्षित गठबंधन के पक्ष में नहीं है। उनका मानना है कि दिल्ली में कांग्रेस को अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए। इस पर पीसी चाको ने कहा कि वे पार्टी के हित में शीला दीक्षित को मना लेंगे। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, कांग्रेस के अधिकतर पूर्व प्रदेश प्रमुखों ने गठबंधन को कांग्रेस के हित में बताया है। साथ ही कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं से भी इस बारे में रायशुमारी कर रही है।
शुरु से कांग्रेस-AAP गठबंधन के खिलाफ रही हैं शीला दीक्षित
बीते 5 मार्च को राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद दिल्ली की 3 बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने AAP के साथ गठबंधन की संभावनाओं को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा, "सर्वसम्मत से यह तय किया गया है कि दिल्ली में कोई गठबंधन नहीं होगा।" बता दें कि शीला शुरु से ही दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने की पक्षधर रही हैं। हालांकि, उन्होंने आखिरी फैसले की जिम्मेदारी राहुल गांधी के कंधों पर डाल दी थी।
इस फॉर्मूले पर चल रही बातचीत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों पार्टियों के बीच 3:3:1 फॉर्मूले पर बात चल रही है। इसके तहत दोनों पार्टियां 3-3 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं एक सीट उस उम्मीदवार को दी जाएगी, जिन पर दोनों पार्टियां सहमत होंगी। अभी पेंच इस बात पर फंसा है कि कौन सी सीट किस पार्टी के पास जाएगी। इस पर सहमति बनाने के लिए दोनों पार्टियों में बातचीत चल रही है।
एक जैसा वोट बैंक
दिल्ली में दोनों पार्टियों का वोटबैंक लगभग एक जैसा है। दोनों पार्टियां अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और स्लम और रीसेटलमेंट कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अपना वोटबैंक मानकर चल रही है। ऐसे में पार्टियों के बीच सीटों को लेकर कशमकश जारी है।
केजरीवाल ने दिया था हरियाणा में गठबंधन का प्रस्ताव
AAP संयोजक केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने हरियाणा में गठबंधन का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने लिखा, "देश के लोग अमित शाह और मोदी जी की जोड़ी को हराना चाहते हैं। अगर हरियाणा में JJP, AAP और कांग्रेस साथ लड़ते हैं तो हरियाणा की दसों सीटों पर भाजपा हारेगी। राहुल गांधी जी इस पर विचार करें।" जननायक जनता पार्टी (JJP) दुष्यंत चौटाला की पार्टी है। हालांकि, हरियाणा में गठबंधन पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।