राजभवन और विधानसभा तक पहुंचा महाराष्ट्र का सियासी संकट, जानिये बड़े घटनाक्रम
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट का जल्द समाधान होता नहीं दिख रहा है। महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार और शिवसेना पर अपना अधिकार बचाने की कोशिश कर रहे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पार्टी से बागी हो चुके एकनाथ शिंदे, दोनों ही इस लड़ाई को राजभवन और विधानसभा में ले गए हैं। शुक्रवार को दोनों नेताओं ने दावा किया कि उनके खेमे ही 'असली' शिवसेना है। आइये जानते हैं कि पिछले कुछ घंटों में इस घमासान में क्या-क्या हुआ है।
उद्धव ठाकरे से मिले शरद पवार
शुक्रवार शाम को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। दोनों के बीच बातचीत की जानकारी नहीं आई है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि NCP को अब MVA के ज्यादा चलने की उम्मीद नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक सूत्र ने कहा, "शिवसेना के 40 से अधिक विधायक शिंदे खेमे में चले गए हैं। इससे MVA का संख्याबल कम हो गया है। अब बहुमत साबित करना बेहद मुश्किल दिख रहा है।"
लंबा नहीं चलेगा बागियों का ड्रामा- ठाकरे
बैठक के बाद पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि बागी विधायकों को भाजपा में विलय होना होगा और उनका ड्रामा लंबा नहीं चलेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि शिवसेना खत्म नहीं हुई है और अगर किसी को लगता है कि वो सक्षम नेतृत्व नहीं दे पा रहे हैं तो किसी भी वक्त पार्टी छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी बैठक बुलाई है।
16 विधायकों की सदस्यता निरस्त करने की मांग
शुक्रवार को ठाकरे खेमे ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को पत्र भेजकर बगावत करने वाले 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। सूत्रों के अनुसार, डिप्टी स्पीकर आज इन विधायकों को नोटिस भेज सकते हैं। नोटिस मिलने के बाद विधायकों को खुद डिप्टी स्पीकर के सामने आकर अपनी बात कहनी होगी। दूसरी तरफ शिंदे खेमे ने डिप्टी स्पीकर के अधिकार पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि डिप्टी स्पीकर अभी नोटिस जारी नहीं कर सकते।
भाजपा ने राज्यपाल को भेजा पत्र
शिवसेना में जारी बगावत के बीच भाजपा नेता प्रवीण डारेकर ने राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी को पत्र भेजा है। इसमें लिखा गया है कि पिछले कुछ घंटों में MVA नेताओं ने 160 प्रस्ताव पारित किए हैं। वो तेजी से फाइलों को निपटा रहे हैं, जो पूरी तरह से अनैतिक है। पार्टी में बगावत के बाद सरकार बहुमत गंवा चुकी है और मुख्यमंत्री खुद इस्तीफा देने की मंशा जाहिर कर चुके हैं।
ठाकरे खेमे की तरफ से नहीं मिला कोई पत्र
राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें अभी तक दो पत्र मिले हैं। एक पत्र गुरुवार को शिंदे खेमे की तरफ से मिला था, जिसमें कहा गया कि उन्होंने प्रस्ताव पारित कर एकनाथ शिंदे को नेता और भारत गोगावाले को मुख्य व्हिप बनाया है। अधिकारी ने आगे बताया कि शुक्रवार को भाजपा की तरफ से मिले पत्र में MVA सरकार के नेताओं की तरफ से फाइलों और प्रस्तावों को पास करने पर आपत्ति जताई गई है।
राउत की बागी विधायकों को मुंबई आने की चुनौती
सियासी संकट के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को सभी बागी विधायकों को नई चुनौती दी। उन्होंने कहा कि बागियों को वापस लौटने के लिए समय दिया गया था, लेकिन वह नहीं आए। अब पार्टी लड़ने को तैयार है और वह बागियों को वापस मुंबई लौटने की चुनौती देते हैं। राउत ने कहा, "अब हम कानूनी ही नहीं, बल्कि अन्य सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हम सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई जीतेंगे।"