संसद से 78 विपक्षी सांसद निलंबित, एक दिन में सबसे अधिक
संसद की सूरक्षा में चूक मामले के बाद से विपक्षी सांसदों का निलंबन थमने का नाम नहीं ले रहा। आज लोकसभा और राज्यसभा से मिलाकर कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। पहले लोकसभा के 33 सांसदों को निलंबित किया गया, उसके बाद राज्यसभा के भी 45 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इनमें लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं। इससे पहले 14 दिसंबर को 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।
क्यों किया गया विपक्षी सांसदों को निलंबित?
ये सभी विपक्षी सांसद लोकसभा की सुरक्षा में चूक पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे। इस मांग पर जोर देते हुए सांसदों ने संसद के अंदर विरोध-प्रदर्शन और हंगामा किया, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें निलंबित कर दिया। 14 सांसदों को छोड़ बाकी सभी 64 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित गया है। दोनों सदनों को आज के लिए स्थगित कर दिया गया है।
लोकसभा से किन सांसदों को किया गया निलंबित?
सोमवार को जिन 33 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ-साथ उपनेता गौरव गोगोई भी शामिल हैं। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, कल्याण बनर्जी और काकोली घोष को भी निलंबित किया गया है। द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) के सांसद ए राजा, टीआर बालू और दयानिधि मारन भी निलंबित किए गए हैं।
राज्यसभा से किन सांसदों को किया गया निलंबित?
राज्यसभा से जिन 45 सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें कांग्रेस के जयराम रमेश, रणदीप सिंह सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल और प्रमोद तिवारी भी शामिल हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रोफेसर मनोज कुमार झा और समाजवादी पार्टी (SP) के प्रोफेसर रामगोपाल यादव को भी निलंबित किया गया। 11 राज्यसभा सांसदों के निलंबन का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है। समिति 3 महीने में रिपोर्ट देगी और उसके बाद उनके निलंबन के समय पर फैसला होगा।
अब तक कुल 92 विपक्षी सांसद हुए निलंबित
इससे पहले 14 दिसंबर को संसद की सूरक्षा में चूक के मुद्दे पर हंगामा करने के आरोप में लोकसभा से 13 और राज्यसभा से एक विपक्षी सांसद को निलंबित किया गया था। इस तरह से अब तक कुल निलंबित सांसदों की संख्या 92 पर पहुंच गई है। बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद से विपक्ष के हंगामे के कारण शीतकालीन सत्र की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है।
विपक्ष की सरकार से क्या मांग है?
विपक्ष संसद में गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा है। अपने निलंबन पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा, "हमारी मांग है कि सबसे पहले हमारे जिन सांसदों को पहले निलंबित किया गया था, उन्हें बहाल किया जाए। दूसरा यह कि हमारे गृह मंत्री आएं सदन में आकर बयान दें।" उन्होंने कहा कि गृह मंत्री आकर बताएं कि देश और सदन की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।
संसद में सुरक्षा में चूक का क्या है मामला?
13 दिसंबर को शून्य काल के दौरान 2 युवक अचानक से दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए और फिर गैस कनस्तर से पीले रंग की गैस उड़ा दी। सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। संसद के बाहर भी एक महिला और युवक पीले रंग का धुआं उड़ाते गिरफ्तार किए गए। एक अन्य आरोपी विशाल शर्मा भी गिरफ्तार है, वहीं एक आरोपी फरार है। सभी आरोपियों पर UAPA लगाया गया है।
खड़गे बोले- घुसपैठियों के बाद मोदी सरकार संसद पर हमला कर रही
राज्यसभा में नेता नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले में सरकार को घेरते हुए कहा, "सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार द्वारा सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि विपक्ष की 2 मांगें हैं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में बयान दें और इस पूरे मामले पर विस्तृत चर्चा हो।