अग्निपथ योजना और यूक्रेन युद्ध समेत करीब 250 मुद्दों पर चर्चा करेंगी संसद की स्थायी समितियां
क्या है खबर?
संसद की अलग-अलग स्थायी समितियां अगले एक साल में करीब 250 विषयों की समीक्षा और चर्चा करेगी। इनमें अग्निपथ योजना की समीक्षा, मीडिया कवरेज के लिए मानदंड और दिशानिर्देश, मनरेगा के तहत मजदूरी और साइबर सुरक्षा की स्थिति जैसे मुद्दे शामिल हैं।
24 में से 14 संसदीय समितियों ने अपना एक साल का एजेंडा जारी कर दिया है। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी संसदीय समिति ने समीक्षा के लिए सबसे ज्यादा 34 विषय निर्धारित किए हैं।
समिति
कौन सी समिति कितने मुद्दों पर करेगी चर्चा?
अखबार डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, कोयला खदान और इस्पात पर बनी समिति 31 विषयों पर चर्चा करेगी। इसके बाद श्रम, कपड़ा और कौशल विकास पर बनी हर एक समिति 26 विषयों की समीक्षा करेगी।
रक्षा, महिला, शिक्षा, बाल विकास, युवा और खेल संबंधी स्थायी समितियों के एजेंडे में अगले एक साल के लिए कुल 17-17 विषय हैं।
विदेश मामलों की समिति के एजेंडे में 15 विषय शामिल हैं।
सूचना
सूचना प्रौद्योगिकी समिति कई अहम विषयों पर करेगी चर्चा
सूचना प्रौद्योगिकी समिति प्रसार भारती, दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के कामकाज जैसे विषयों पर चर्चा करेगी। इसके अलावा मीडिया कवरेज के लिए मानदंड और दिशानिर्देश के साथ OTT प्लेटफार्म से जुड़े विषयों पर भी बात होगी।
यह समिति भारत में साइबर सुरक्षा की स्थिति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट मीडिया व डिजिटल मीडिया के कंटेंट की सुरक्षा, ऑनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग की रोकथाम और डिजिटल भुगतान को लेकर बने नियम-कानूनों की भी समीक्षा करेगी।
अग्निपथ
अग्निपथ योजना की भी होगी समीक्षा
रक्षा मामलों की संसदीय समिति अग्निपथ योजना की समीक्षा करेगी। इसके अलावा देश की रक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय सेना की भूमिका, पुनर्वास की नीतियों के मुद्दे, स्वास्थ्य सेवाओं, पूर्व सैन्य कर्मियों की पेंशन और भारत-चीन संघर्ष के बीच सीमा सुरक्षा की भी समीक्षा करेगा।
इसके साथ ही समिति मौजूदा सुरक्षा हालात में देश की सामरिक तैयारी, ड्रोन रोधी क्षमताओं और हाइब्रिड युद्ध के मद्देनजर सशस्त्र बलों की तैयारियों का भी अध्ययन करेगी।
विदेश
विदेश मामलों की समिति इन विषयों पर करेगी चर्चा
विदेश मामलों की स्थायी समिति जलवायु परिवर्तन वार्ता में भारत की स्थिति, भारत-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड के प्रभाव और सहयोग के लिए भारत की भूमिका, G-20 देशों के साथ भारत की भागीदारी और रूस पर चर्चा करेगी।
इसके अलावा यूक्रेन युद्ध, इसका वैश्विक प्रभाव और भारत की प्रतिक्रिया और विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों से संबंधित मुद्दों पर भी समिति गौर करेगी। इस समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद पीपी चौधरी हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
बता दें कि संसद में किसी भी विषय पर गहन विचार विमर्श और चर्चा की आवश्यकता होती है। चूंकि संसद के पास इतना समय नहीं होता है, इसलिए ये समितियां करती हैं।
ये समितियां 2 तरह की होती हैं- स्थायी और तदर्थ। स्थायी समितियों एक तरह से नियमित समितियां होती हैं, जिनका काम लगातार चलता रहता है।
तदर्थ समितियां किसी खास विषय पर चर्चा के लिए बनाई जाती है और काम पूरा होने के बाद ये निष्क्रिय हो जाती हैं।