लोकसभा चुनाव: 2 सूची में भाजपा ने 21 प्रतिशत मौजूदा सांसदों के टिकट काटे, जानें वजह
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 2 अलग-अलग सूचियों में 267 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है।
अब तक पार्टी ने लगभग 21 प्रतिशत मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया है। इनमें विवादित बयान देने वाले वालों से लेकर कथित तौर पर सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे चेहरों के नाम हैं।
बता दें कि पार्टी ने इस बार 370 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, जो पिछली बार की तुलना में 67 सीट ज्यादा हैं।
भाजपा
भाजपा ने 63 सांसदों का टिकट काटा
अब तक 267 उम्मीदवारों की 2 सूचियों में से भाजपा ने कुल 63 मौजूदा सांसदों का टिकट काटा है।
इसमें गौतम गंभीर और जयंत सिन्हा जैसे नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने खुद चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है।
भाजपा ने 195 नामों वाली पहली सूची 2 मार्च को जारी की थी। इसमें 33 सांसदों का टिकट काटा गया था।
13 मार्च को जारी दूसरी सूची में पार्टी ने 30 सांसदों का बाहर का रास्ता दिखाया है।
दिल्ली
दिल्ली के 7 में से 6 सांसदों का टिकट कटा
भाजपा ने दिल्ली में केवल एक सांसद पर ही दोबारा भरोसा जताया है और 6 का टिकट काट दिया है।
दूसरी सूची में कर्नाटक के लिए घोषित किए गए 20 उम्मीदवारों में से 11 सीटों पर चेहरे बदले गए हैं।
महाराष्ट्र में पार्टी ने 14 मौजूदा सांसदों पर दोबारा भरोसा जताया है और 5 सांसदों के ही टिकट काटे हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा ने धार और बालाघाट सीट पर उम्मीदवार बदल दिए हैं।
राज्य
अन्य किस राज्य से कितने सांसदों का कटा टिकट?
दूसरी सूची में गुजरात के 7 मौजूदा सांसदों में से सिर्फ 3 को ही दोबारा मौका मिला है। हरियाणा में 6 उम्मीदवारों में से 3 मौजूदा सांसदों को फिर से मौका मिला है, जबकि 2 पर उम्मीदवार बदले हैं।
तेलंगाना में पार्टी ने एक सांसद पर दोबारा भरोसा जताया है। महाराष्ट्र में भाजपा ने 5 मौजूदा सांसदों की जगह नए चेहरों को टिकट दिया है। हिमाचल प्रदेश के दोनों मौजूदा सांसदों को फिर से टिकट मिला है।
वजह
क्यों काटे गए टिकट?
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने संभावित सत्ता विरोधी लहर, जमीनी फीडबैक और 370 सीटें जीतने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाई है।
रमेश बिधूड़ी, प्रज्ञा ठाकुर और प्रवेश वर्मा जैसे विवादों में रहने वाले सांसदों का टिकट भी काटा गया है। बिधूड़ी ने लोकसभा में मुस्लिम सांसद पर नस्लीय टिप्पणियां की थीं।
ठाकुर ने नाथूराम गोडसे पर विवादित बयान दिया था, वहीं वर्मा ने दिल्ली में मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की थी।