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हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस सरकार पर संकट के बीच स्पीकर ने निष्कासित किए भाजपा के 15 विधायक
भाजपा के 15 विधायक निष्कासित

हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस सरकार पर संकट के बीच स्पीकर ने निष्कासित किए भाजपा के 15 विधायक

लेखन महिमा
Feb 28, 2024
12:33 pm

क्या है खबर?

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर संकट के बीच सियासी नाटक तेज हो गया है। बजट सत्र के दौरान आज विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ, जिसके बाद स्पीकर ने भाजपा के 15 विधायकों को निष्कासित कर दिया। उन पर विधानसभा में नारेबाजी और दुर्व्यवहार करने का आरोप है। विधायकों को ऐसे समय पर निष्कासित किया गया है, जब भाजपा ने राज्यपाल से मिलकर कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने की बात कही है और बहुमत परीक्षण की मांग की है।

नाम 

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत इन विधायकों को किया गया निष्कासित

स्पीकर ने जिन भाजपा विधायकों को निष्कासित किया है, उनमें नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंस राज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी, दिलीप ठाकुर और इंदर सिंह शामिल हैं। बता दें कि भाजपा ने पहले ही आशंका जताते हुए कहा था कि स्पीकर भाजपा विधायकों को निलंबित कर सकते हैं।

आशंका 

ठाकुर ने मांगा है सुक्खू का इस्तीफा

बता दें कि ठाकुर ने सुबह संवाददाताओं से कहा था, "हमें आशंका है कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया भाजपा विधायकों को निलंबित कर सकते हैं, ताकि बजट विधानसभा में पारित हो सके।" उन्होंने कहा था कि राज्यसभा चुनाव से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है। इसे देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे की मांग की थी।

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परीक्षण

भाजपा ने राज्यपाल से मुलाकात कर बहुमत परीक्षण की मांग की 

इससे पहले आज सुबह विपक्ष के नेता ठाकुर ने राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात कर कहा था कि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस सरकार बहुमत साबित करे। इसके अलावा ठाकुर ने राज्यपाल से बजट पर डिवीजन ऑफ वोट की मांग की थी। इसके अलावा ठाकुर ने यह भी दावा किया था कि कांग्रेस अपने विधायकों को प्रताड़ित करके दल-बदल नियम के तहत उन्हें निलंबित करने की मंशा रखती है।

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बजट 

बजट पारित करना कांग्रेस के लिए क्यों जरूरी है? 

दरअसल, 29 फरवरी को बजट सत्र खत्म हो जाएगा। बजट पारित करते समय विपक्ष सदन में डिवीजन की मांग कर सकता है। ऐसे में वोट तो डाले जाएंगे, लेकिन सरकार के पक्ष में वोट नहीं पड़े तो इसके उसके अल्पमत में होने का सबूत माना जाएगा। कांग्रेस ने 6 बागी विधायकों को व्हिप जारी कर उन्हें व्यक्तिगत विचारधारा या दबाव के बजाय विधानसभा में पार्टी के अनुसार वोट करने को कहा है।

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