#NewsBytesExplainer: भाजपा ने विवादित बयान देने वाले सांसदों का टिकट काटा, क्या है मायने?
क्या है खबर?
भाजपा ने लोकसभा चुनावों के लिए 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें पार्टी ने 34 मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया है।
इनमें कई सांसद ऐसे हैं, जो अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहे थे। कम से कम 4 सांसद ऐसे हैं, जिनकी टिप्पणियों पर खूब विवाद हुआ था और उन्हें दोबारा टिकट नहीं मिला है।
आइए ऐसे सांसदों के बारे में जानते हैं।
भोपाल
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर पार्टी ने दोबारा भरोसा नहीं जताया है। उनकी जगह आलोक वर्मा को टिकट मिला है।
प्रज्ञा पर 2008 में हुए मालेगांव बम धमाकों में शामिल होने का आरोप है। चुनावों से ठीक पहले प्रज्ञा ने अशोक चक्र से सम्मानित और मुंबई धमाकों में शहीद हुए हेमंत करकरे की तुलना पौराणिक पात्रों रावण और कंस से की थी।
इस पर खूब विवाद हुआ था और प्रज्ञा को चुनाव आयोग ने नोटिस भी दिया था।
बयान
प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को बताया था देशभक्त
प्रज्ञा ने एक बयान में महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताते हुए उनकी तारीफ की थी। इस बयान पर खूब विवाद हुआ और प्रज्ञा को माफी मांगनी पड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि प्रज्ञा ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है, लेकिन वे उन्हें कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे।
बाद में प्रज्ञा को रक्षा संबंधी संसदीय समिति से हटा दिया गया था।
दिल्ली
रमेश बिधूड़ी
दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी को भी पार्टी ने दोबारा मौका नहीं दिया है। पिछले साल सितंबर में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर चर्चा के दौरान बिधूड़ी ने समाजवादी पार्टी (SP) सांसद दानिश अली पर अपमानजनक और नस्लीय टिप्पणी की थी।
सदन के भीतर की गई इस टिप्पणी की वीडियो खूब वायरल हुई, जिससे पार्टी बैकफुट पर आ गई। कथित तौर पर भाजपा ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।
बयान
बिधूड़ी के बयान पर राजनाथ सिंह ने जताया था खेद
बिधूड़ी के बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खेद व्यक्त किया था। संसद की कार्यवाही से भी बिधूड़ी के बयान को हटा दिया गया था।
बाद में दानिश अली ने मामले को संसद की विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का अनुरोध किया था। समिति मामले की जांच भी कर रही है।
हालांकि, मामले पर बिधूड़ी ने माफी भी मांग ली थी, लेकिन पार्टी ने अब उन्हें टिकट नहीं दिया है।
बहिष्कार
प्रवेश वर्मा ने की थी विशेष समुदाय के बहिष्कार की बात
पश्चिमी दिल्ली से मौजूदा सांसद प्रवेश वर्मा का टिकट कटा है। प्रवेश कई बार विवादों में रहे हैं।
वर्मा ने पिछले साल 9 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद और दूसरे हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित एक सभा में किसी विशेष समुदाय का नाम लिए बिना 'इन लोगों' के पूर्ण बहिष्कार की बात कही थी।
शाहीन बाग में प्रदर्शन पर भी उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो प्रदर्शनकारियों को एक घंटे में हटा दिया जाएगा।
झारखंड
जयंत सिन्हा को लिचिंग के आरोपियों का समर्थन पड़ा भारी
हजारीबाग सीट से सांसद जयंत सिन्हा की जगह इस बार मनीष जायसवाल को भाजपा ने टिकट दिया है। हालांकि, सिन्हा ने टिकट की घोषणा होने से पहले ही चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी।
सिन्हा तब विवादों में आए थे, जब उन्होंने भाजपा नेताओं के साथ मिलकर झारखंड के रामगढ़ में मांस व्यापारी की लिंचिंग के आरोपियों की कानूनी फीस का भुगतान किया था। आरोपियों को जमानत मिलने पर सिन्हा ने उनका स्वागत भी किया था।
संदेश
टिकट काटकर क्या संदेश देना चाहती है भाजपा?
भाजपा ने इन सांसदों का टिकट काटकर संदेश दिया है कि पार्टी चुनाव से ठीक पहले किसी तरह का कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है और विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं देना चाहती है।
भाजपा ने इस बार 370 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में पार्टी एक-एक सीट पर बेहद ध्यान दे रही है।
इन सांसदों को टिकट न देकर पार्टी ने दूसरे नेताओं को भी नफरती भाषणों से बचने की अप्रत्यक्ष चेतावनी दी है।