हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस सरकार संकट में, भाजपा ने राज्यपाल से की मुलाकात
राज्यसभा चुनाव को लेकर हिमाचल प्रदेश में शुरू हुआ राजनीतिक खेल अब सरकार तक पहुंच चुका है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से पार्टी के विधायक और नेता खुश नहीं है और भाजपा इस अवसर का लाभ उठाने में जुटी है। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर राज्यपाल से मुलाकात कर कहा कि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस सरकार बहुमत साबित करे। वहीं कांग्रेस सरकार बचाने के लिए सक्रिय हो गई है।
भाजपा नेताओं ने की राज्यपाल से मुलाकात
ठाकुर ने पार्टी के नेताओं के साथ राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ठाकुर ने बताया कि उन्होंने बजट पर डिवीजन ऑफ वोट की मांग की है और यही फ्लोर टेस्ट है। उन्होंने कहा, "विधानसभा में जो घटनाक्रम चल रहा है और विपक्ष के साथ स्पीकर ने जो व्यवहार किया है। मार्शलों द्वारा विधायकों पर हमला किया गया। यह सब जानकारी राज्यपाल को दी है।"
ठाकुर ने कहा- कांग्रेस सत्ता में रहने का अधिकार खो चुकी है
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, "जब हमारी संभावनाएं बहुत कम लग रही थीं, तब हमने जीत हासिल की। भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता। वर्तमान में, कांग्रेस सरकार को सत्ता में रहने कोई अधिकार नहीं है।" उन्होंने कहा कि पार्टी ने राज्यपाल से विधानसभा में सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के लिए शक्ति परीक्षण की मांग की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अपने विधायकों को प्रताड़ित करके दल-बदल नियम के तहत उन्हें निलंबित करने की मंशा रखती है।
कांग्रेस ने शुरू किया सरकार बचाने का काम
सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 6 विधायकों से बातचीत के लिए भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को जिम्मेदारी दी है। इसके अलावा उन विधायकों को नोटिस भेजा है जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में वोट किया है और दोपहर तक जवाब मांगा है। दरअसल, पार्टी के कई विधायक सुक्खू की कार्यशैली से निराश हैं और उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।
राज्यसभा चुनाव के दौरान क्या हुआ?
हिमाचल प्रदेश की एक सीट के लिए कुल 68 में से 67 विधायकों ने मतदान किया। यहां जीत के लिए 35 प्राथमिक वोटों की आवश्यकता थी। 40 विधायक होने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हार मिली क्योंकि पार्टी के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने चुनावों से पहले ही कहा था विधायक पार्टी से नाराज हैं। इसके अलावा खुद मुख्यमंत्री सुक्खू भी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं थे।
हिमाचल प्रदेश में क्या है नंबर की स्थिति?
दरअसल, प्रदेश में कुल 68 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 35 हैं। पिछले साल विधानसभा चुनावों कांग्रेस ने 40 और भाजपा ने 25 पर जीत दर्ज की। जीत के बाद मुख्यमंत्री की रेस में प्रतिभा सिंह और सुक्खू दोनों ही थे, लेकिन सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया गया। इस सरकार को 3 निर्दलियों का भी समर्थन था। अब कांग्रेस के 6 से अधिक विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और 3 निर्दलीय भी भाजपा के साथ बताए जा रहे हैं।