कर्नाटक संकटः बागी विधायकोें से मिलने पहुंचे शिवकुमार को रोका गया, राज्यपाल से मिलेंगे भाजपा नेता
क्या है खबर?
कर्नाटक में चल रहा सियासी नाटक थमने का नाम नहीं ले रहा है। कर्नाटक कांग्रेस के बागी विधायक मुंबई के एक होटल में रुके हुए हैं।
जब कांग्रेस के लिए कई मौकों पर संकटमोचक की भूमिका निभा चुके डीके शिवकुमार इन विधायकों से मिलने पहुंचे तो उन्हें होटल के गेट पर रोक लिया गया। मुंबई पुलिस ने उन्हें होटल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी।
आइये, इस सियासी घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
शिवकुमार बोले- विधायकों से बात करने आया हूं
पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, "मैंने यहां कमरा बुक किया है। मेरे दोस्त यहां रुके हुए हैं। एक छोटी सी समस्या है, जिसके बारे में हमें बात करनी है। यहां डराने-धमकाने की कोई बात नहीं है। हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।"
ट्विटर पोस्ट
होटल के बाहर रोके गए शिवकुमार
Police escorts Karnataka Minister DK Shivakumar away from the gates of Renaissance - Mumbai Convention Centre Hotel where 10 rebel Congress-JD(S) MLAs are staying. The MLAs had written to Police stating"We've heard CMDK Shivakumar are going to storm the hotel,we feel threatened" pic.twitter.com/KCPmJzZjPH
— ANI (@ANI) July 10, 2019
पत्र
बागी विधायकों ने की थी शिवकुमार को होटल में न घुसने देने की मांग
इससे पहले मंगलवार को इन बागी विधायकों ने मुंबई पुलिस को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग की थी।
इसमें लिखा गया, 'हम कर्नाटक विधानसभा के चुने हुए विधायक हैं और पवई के होटेल रेनिसैंस में रुके हुए हैं। हमने सुना है कि कुमारस्वामी, डीके शिवकुमार और अन्य नेता होटल में आने वाले हैं। हम इससे डरे हुए हैं और हम उनसे मिलना नहीं चाहते हैं। कृपया इस मामले में हमारी मदद करें और उन्हें होटेल परिसर में ना घुसने दें।'
ट्विटर पोस्ट
बागी विधायकों ने मुंबई पुलिस को लिखी चिट्ठी
10 rebel Karnataka Congress-JD(S) MLAs write to Mumbai Commissioner of Police stating "We are staying at Hotel Renaissance Powai in Mumbai, we have heard HD Kumaraswamy DK Shivakumar are going to storm the hotel, we feel threatened. Do not allow them to enter hotel premises" pic.twitter.com/rvMa2If8eH
— ANI (@ANI) July 9, 2019
जानकारी
होटल के बाहर कड़ी की गई सुरक्षा
इसके बाद पुलिस ने होटल के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी थी। महाराष्ट्र रिजर्व पुलिस फोर्स और रैपिड एक्शन फोर्स को होटल के बाहर तैनात कर दिया गया है। पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी खुद होटल के बाहर पहुंचे थे।
स्पीकर का फैसला
स्पीकर के फैसले से सरकार को बड़ी राहत
इस सियासी नाटक में कर्नाटक विधानसभा स्पीकर के फैसले से कुमारास्वामी सरकार को बड़ी राहत दी है।
स्पीकर ने कहा कि इनमें से आठ विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप में नहीं हैं और अन्य को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि उनका यह कदम क्यों नहीं दल बदल विरोधी कानून के दायरे में आता है।
स्पीकर ने इन बागी विधायकों को फिर से इस्तीफे दाखिल करने और स्पष्टीकरण देने के लिए 21 जुलाई तक का समय दिया है।
चेतावनी
सिद्धारमैया ने बागी विधायकों को दी चेतावनी
स्पीकर के इस फैसले ने कांग्रेस-JD(S) गठबंधन को अपनी सरकार बचाने के लिए अतिरिक्त समय दे दिया है और वह कुछ समय के लिए राहत की सांस ले सकते हैं।
वहीं मंगलवार को ही कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धारमैया ने बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए इस्तीफा वापस लेने या सदस्यता रद्द होने के लिए तैयार रहने को कहा। कांग्रेस को कुछ विधायकों के वापस आने की उम्मीद है।
उन्होंने भाजपा पर सरकार को गिराने का आरोप लगाया था।
शुरुआत
गठबंधन के 13 विधायकों के इस्तीफे से शुरू हुआ संकट
बता दें कि शनिवार को कांग्रेस-JD(S) के 13 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद गठबंधन की सरकार पर संकट खड़ा हो गया था।
इसके बाद सोमवार को 2 निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस लेकर संकट को और बढ़ा दिया।
अब अगर स्पीकर सभी 13 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं तो सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 104 रह जाएगी और वह बहुमत खो देगी।
सियासी समीकरण
ऐसा हुआ तो सरकार बना सकती है भाजपा
13 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा का संख्याबल गिरकर 211 हो जाएगा और बहुमत का आंकड़ा 106 हो होगा।
भाजपा के पास राज्य में 105 सीटें हैं, ऐसे में अगर गठबंधन की सरकार गिरती है तो राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उसे सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं।
इसके बाद दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन भाजपा सरकार बना सकती है, जिनमें से एक उसे पहले ही समर्थन दे चुका है।
जानकारी
राज्यपाल से मिलेंगे भाजपा नेत
राज्य में गठबंधन सरकार पर संकट देख भारतीय जनता पार्टी ने विरोध प्रदर्शन की तैयारी की है। बुधवार सुबह से भाजपा नेता धरने पर बैठेंगे और दोपहर बाद इस मामले को लेकर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।