जम्मू-कश्मीर में बढ़ रहा आतंक का जोर, पिछले 32 महीनों में शहीद हुए 48 जवान
जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंक का जोर बढ़ रहा है। सोमवार रात डोडा इलाके में भारतीय सेना और आतंकवादियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में सेना के 1 अधिकारी समेत 4 जवान शहीद हो गए। इसके साथ ही जम्मू क्षेत्र में पिछले 32 महीनों में शहीद हुए सेना के जवानों की संख्या 48 पहुंच गई है। इसके अलावा आतंकी हमलों में 23 आम नागरिकों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। आइए सभी घटनाओं पर नजर डालते हैं।
जम्मू क्षेत्र में बढ़ी आतंकवादी की घटनाएं
पिछले कुछ महीनों में कश्मीर के मुकाबले जम्मू क्षेत्र में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ है। साल 2023 में 43 आतंकी घटनाएं कश्मीर से अलग जम्मू में हो चुकी है। इसका पीछे बड़ा कारण सेना का कश्मीर आतंक के खिलाफ सख्ती बरतना है। ऐसे में अब आतंकी जम्मू क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। आतंकी घटनाओं में पिछले 32 महीनों में 48 जवान शहीद हो चुके हैं और 23 आम नागरिक भी आतंकियों की गोली का निशाना बने हैं।
आतंकी हमलों में कब से हुआ इजाफा?
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सेना ने कश्मीर में आतंक का खास ध्यान रखा और सख्त कार्रवाई की। उसके बाद आतंकियों ने जम्मू की और पैर बढ़ा दिए। 11 अक्टूबर, 2021 को पुंछ में आतंकी और सुरक्षा बलों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें 5 सैनिक शहीद हो गए। उसके बाद 16 अक्टूबर को भट्ठा दुर्रियन के जंगलों में मुठभेड़ में 6 जवान शहीद हो जाते हैं। उसके बाद यह सिलसिला अभी तक जारी है।
पिछले 2 महीनों में हुई 5 आतंकी घटनाएं
15 जुलाई को डोडा में मुठभेड़ में सेना का एक अधिकारी सहित 4 जवान शहीद। 8 जुलाई को कठुआ में आतंकवादी हमले में 5 जवान शहीद और 5 घायल। 12 जून को डोडा में आतंकी हमले में 2 जवान घायल। 11 जून को कठुआ में मुठभेड़ में 1 जवान शहीद और 4 घायल। 9 जून को रियासी में तीर्थयात्रियों से भरी बस आतंकी हमले के बाद बस के खाई में गिरने से 9 लोगों की मौत और 33 घायल।
अप्रैल-मई 2024 में हुए 2 जवान शहीद
4 मई को पुंछ में आतंकियों की गोलीबारी भारतीय वायुसेना का एक जवान शहीद हो गया और 5 अन्य घायल हो गए। इसी तरह 28 अप्रैल को उधमपुर में आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए एक हमले में सेना का 1 जवान शहीद हो गया।
साल 2023 में हुए थे 4 बड़े आतंकी हमले
21 दिसंबर को पुंछ में हुए आतंकी हमले में सेना के 2 जवान शहीद हो गए। 22 नवंबर को राजौरी के धर्मशाल में भी आतंकियों ने सेना को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे। 5 मई को कांडी में आतंकियों द्वारा किए गए एक धमाके में सेना के 5 पैराकमांडो शहीद हो गए थे। 20 अप्रैल मेंढर इलाके में आतंकियों की ओर से किए गए हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे।
अन्य हमलों में भी हुए थे 9 जवान शहीद
11 अगस्त, 2022 को राजौरी के दरहाल में मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए। मई 2022 कटरा में एक तीर्थयात्री बस पर हमले में चार लोगों की मौत हुई थी। इसी तरह दिसंबर 2021 में मुठभेड़ में चार जवान शहीद हुए थे।
जम्मू संभाग में कैसे बढ़ रही हैं आतंकी घटनाएं?
आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी जम्मू संभाग के पहाड़ी इलाकों में वहां फैले ओवर ग्राउंड वर्कर की वजह से आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि जम्मू क्षेत्र में अब ओवर ग्राउंड वर्कर और स्लिपर सेल की संख्या बढ़ रही है। यही लोग आतंकियों की मदद कर रहे हैं। ये आतंकियों को समय पर खुफिया सूचना देने के साथ उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था भी करते हैं।
कहां पर कितने ओवर ग्राउंड वर्कर?
साल 2023 में सेना द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में सामने आया था कि हंदवाड़ा में 496, कुपवाड़ा में 32, बारामूला में 26, रियासी में 182, डोडा में 74, कुठआ में 135, किश्तवाड़ में 135 और राजौरी में 80 ओवर ग्राउंड वर्कर सक्रिय हैं। ये लोग आतंकियों को सरकारी दफ्तरों और सुरक्षा बलों में जानकारी होने के साथ ही सरकारी जानकारी भी मुहैया कराते हैं। ऐसे में अब सुरक्षा बलों के सामने इन्हें ट्रैक करना बड़ी चुनौती है।
प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में यह रही आतंकी हमलों की स्थिति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 38 दिनों में आतंकी घटनाओं में काफी इजाफा देखने को मिला है। इन 38 दिनों में जम्मू-कश्मीर में कुल 9 आतंकी हमले हुए हैं। इनमें 12 जवानों के शहीद होने के साथ 13 जवान घायल हुए हैं। इसी तरह इन हमलों में 10 आम नागरिकों की मौत भी हुई है और 50 से ज्यादा नागरिक घायल हुए हैं। ऐसे में यह हालात सरकार के लिए बेहद चिंताजनक माने जा रहे हैं।