JDU नेता केसी त्यागी को क्यों छोड़ना पड़ा राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद? जानिए इसके प्रमुख कारण
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता केसी त्यागी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी ने उनकी जगह राजीव रंजन प्रसाद को राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी है। त्यागी ने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों को वजह बताया है, लेकिन हाल ही में उनके कुछ बयानों के चलते चर्चाएं हैं कि उन्हें पद से हटाया गया है। आइए जानते हैं त्यागी के वो बयान, जो पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गए थे।
त्यागी ने इजरायल मुद्दे पर किया था विपक्ष का समर्थन
त्यागी ने इजरायल को हथियारों की आपूर्ति से जुड़े विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साझा बयान पर हस्ताक्षर किए थे। दरअसल, एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत इजरायल को हथियार भेज रहा है। इस पर विपक्ष ने संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि केंद्र सरकार इजरायल को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति पर रोक लगाए, क्योंकि इजरायली हमला मानवता के अपमान के साथ अंतरराष्ट्रीय कानून और न्याय और शांति के सिद्धांतों का भी घोर उल्लंघन है।
अग्निपथ योजना पर भी उठाए थे सवाल
त्यागी ने अग्निपथ योजना के खिलाफ भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाए थे। 6 जून को त्यागी ने कहा था, "अग्निवीर योजान पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। इस योजना से कई लोगों में नाराजगी है। इसका असर लोकसभा चुनाव में देखने का मिला। इसलिए इस पर नए तरीके से विचार करना चाहिए।" बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष सरकार को घेरता रहा है और इसे वापस करने का वादा भी कर चुका है।
लेटरल एंट्री पर भी दिया था बयान
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लेटरल एंट्री के मुद्दे पर त्यागी ने कहा था, "हमारी पार्टी शुरू से ही सरकार से आरक्षित सीटों को भरने की बात कहती रही है। जब लोगों को सदियों से समाज में पिछड़ेपन का सामना करना पड़ा तो आप मेरिट क्यों ढूंढ रहे हैं। सरकार का ये आदेश गंभीर चिंता का विषय है।" इसके अलावा वे वक्फ बिल, समान नागरिक संहिता (UCC) पर भी पार्टी लाइन से विपरीत बयान दे चुके हैं।
बयानबाजी के चलते हटाए गए त्यागी?
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए JDU के एक सूत्र ने कहा, "कई बार, वक्फ, जाति जनगणना और SC/ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट जैसे हालिया विवादास्पद मुद्दों पर उनके बयान पार्टी को पसंद नहीं आए। मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द नेताओं का एक समूह भी त्यागी के महत्वपूर्ण पद छोड़ने के लिए जिम्मेदार हो सकता है।" जानकारों का कहना है कि त्यागी के बयान से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में मतभेद होने का संकेत जा रहा था।
कौन हैं त्यागी?
10 दिसंबर, 1950 को उत्तर प्रदेश में जन्मे त्यागी ने चौधरी चरण सिंह के साथ राजनीतिक पारी शुरू की थी। हालांकि, 1984 में अपने पहले चुनाव में वे हार गए, लेकिन 1989 में जनता दल के टिकट से पहली बार सांसद बने। इसके बाद समाजवादी पार्टी से होते हुए JDU में पहुंचे और राज्यसभा सदस्य भी रहे। मार्च, 2023 में भी वे प्रवक्ता पद से हटाए गए, लेकिन 2 महीने बाद ही प्रवक्ता के साथ विशेष सलाहकार भी बनाए गए।