'भेदभावपूर्ण' बजट के खिलाफ प्रदर्शन करेगा विपक्ष, 4 मुख्यमंत्री करेंगे नीति आयोग बैठक का बहिष्कार
विपक्षी गठबंधन INDIA आज संसद में बजट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा। विपक्षी पार्टियों ने बजट को भेदभावपूर्ण बताते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला किया है। वहीं विपक्ष शासित 4 राज्यों के मुख्यमंत्री भी विरोधस्वरुप नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। बता दें कि बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए कई विशेष घोषणाएं की गई हैं। इन दोनों राज्यों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सहयोगी पार्टियों की सरकार है।
विपक्षी पार्टियों ने की बैठक
इस संबंध में विपक्षी नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक की। इसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद) प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत और अरविंद सावंत, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा शामिल हुए। केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बजट ने अधिकांश राज्यों के साथ पूरी तरह से भेदभाव किया है।
नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे 4 मुख्यमंत्री
'भेदभावपूर्ण' बजट के खिलाफ 4 मुख्यमंत्रियों ने 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इनमें तेलंगाना के रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के सिद्धारमैया, तमिलनाुड के एमके स्टालिन और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल हैं। सिद्धारमैया ने कहा, "हमें नहीं लगता कि कन्नड़ लोगों की बात सुनी जा रही है, इसलिए नीति आयोग की बैठक में भाग लेने का कोई मतलब नहीं है।"
राहुल गांधी ने कहा- ये कुर्सी बचाओ बजट
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट को 'कुर्सी बचाओ' कहा। उन्होंने कहा, 'सहयोगियों को खुश करना: अन्य राज्यों की कीमत पर सहयोगियों को खुश करने के लिए खोखले वादे। मित्रों को खुश करना: आम भारतीयों को कोई राहत नहीं, बल्कि अडानी-अंबानी को लाभ। कॉपी और पेस्ट: कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले बजट।' पश्चिम बंगाल और केरल जैसे कई दूसरे राज्यों ने भी बजट का विरोध किया है।
बजट को 'भेदभावपूर्ण' क्यों बता रहे हैं विपक्षी नेता?
लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में सरकार बनाने में नीतीश कुमार की जनता दल युनाइटेड (JDU) और चंद्रबाबु नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की भूमिका अहम हो गई है। ये दोनों पार्टियां क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश में सत्ता में है। बजट में बिहार को 59,900 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसी वजह से विपक्ष भेदभाव के आरोप लगा रहा है।