सोनिया गांधी राज्यसभा जाएंगी; कैसा रहा उनका लोकसभा का 25 सालों का सफर, कौन संभालेगा विरासत?
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी अब राज्यसभा के रास्ते संसद पहुंचेंगी। उन्होंने आज राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। इस दौरान उनके साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इसी के साथ सोनिया का 25 साल का लोकसभा का सफर खत्म हो जाएगा। लोकसभा में उनकी चुनावी राजनीति का रिकॉर्ड शानदार रहा है। आइए जानते हैं कि सोनिया का लोकसभा का 25 सालों का सफर कैसा रहा।
सोनिया गांधी ने कब लड़ा था अपना पहला लोकसभा चुनाव?
सोनिया गांधी ने 1999 में उत्तर प्रदेश के अमेठी और कर्नाटक के बेल्लारी से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था। इन दोनों ही जगह उन्हें जीत मिली थी। ये वही साल था जब पूर्व प्रधानमंत्री और अपने पति राजीव गांधी की मौत के 8 साल बाद उन्होंने पार्टी की जिम्मेदारी उठाई थी। तभी से वह पार्टी के मार्गदर्शक के रूप काम कर रही हैं। इसके बाद 2004 में उन्होंने कांग्रेस के गढ़ उत्तर प्रदेश के रायबरेली से चुनाव लड़ा।
2004 से रायबरेली से लगाता जीत रहीं सोनिया
सोनिया 2004 से रायबरेली से लगातार जीत रही हैं। उन्हें कभी भी इस सीट पर 55 प्रतिशत से कम वोट नहीं मिले। 2014 में जब मोदी लहर में कई बड़े दिग्गज नेता हारे थे, तब भी उन्होंने इस सीट से जीत दर्ज की। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के गढ़ अमेठी से खुद राहुल तक हार गए थे।
मोदी सरकार पर तीखी हमले करती रही हैं सोनिया
संसद में मृदुभाषी सोनिया तीखे हमले करने में पीछे नहीं रही हैं। मुख्य सूचना आयुक्त जैसे प्रमुख पदों की नियुक्ति में पारदर्शिता का मुद्दा हो या महिला आरक्षण विधेयक का, उन्होंने हाल के समय में केंद्र सरकार को बखूबी घेरा है। 2018 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, "प्रधानमंत्री भाषण अच्छा देते हैं, लेकिन इससे पेट नहीं भरता।" 2015 में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर केंद्र-राज्य संबंध, सांप्रदायिक तनाव जैसे मुद्दों को उठाया था।
राज्यसभा जाने वाली गांधी परिवार की दूसरी सदस्य
सोनिया पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद राज्यसभा में प्रवेश करने वाली गांधी परिवार की दूसरी सदस्य होंगी। 1964 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद इंदिरा अगस्त, 1964 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुनी गई थीं। वह अगस्त, 1964 से फरवरी, 1967 तक उच्च सदन की सदस्य रही थीं। 1966 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद इंदिरा को संसदीय दल का नेता बनाया गया था।
सोनिया ने राज्यसभा जाने का फैसला क्यों लिया?
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सोनिया ने राज्यसभा जाने का फैसला 10 जनपथ आवास को बरकरार रखने के लिए किया है, जो 1989 से उनका निवास स्थान रहा है। यहां उनके पति राजीव गांधी की भी यादें हैं और इसे बरकरार रखने के लिए उनका सांसद बना रहना जरूरी है। इसके अलावा सूत्रों ने कहा कि 2019 के बाद अपने स्वास्थ्य और कई अन्य कारणों से वह रायबरेली लोकसभा क्षेत्र प खास ध्यान नहीं दे सकीं।
रायबरेली की सीट गांधी परिवार की पारिवारिक विरासत
रायबरेली सीट से नेहरू-गांधी परिवार की 2 पीढ़ियों का सीधा नाता रहा है। 1952 से 2019 तक के सफर में कांग्रेस केवल 3 बार यहां हारी है। इस सीट से फिरोज गांधी से लेकर इंदिरा तक ने चुनाव लड़ा। इंदिरा ने 1967, 1971 और 1980 में रायबरेली सीट जीती थी। हालांकि, 1980 में उन्होंने ये सीट छोड़ दी और आंध्र प्रदेश से लड़ीं। इसके बाद सोनिया 2004 में इस सीट से लड़ीं और तब से यहां से सांसद हैं।
क्या प्रियंका के हाथों में जाएगी रायबरेली की विरासत?
सोनिया के राज्यसभा नामांकन के बाद संभावना है कि प्रियंका गांधी रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी प्रियंका से चुनाव लड़ने की अपील कर चुके हैं। प्रियंका उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान काफी सक्रिय थीं। यदि प्रियंका इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ती हैं तो प्रियंका का चुनावी राजनीति में पहला कदम होगा। फिलहाल प्रियंका राज्यसभा और लोकसभा में से किसी की सदस्य नहीं हैं।