कैसा रहा है दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी का राजनीतिक सफर?
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चल रही अटकलें मंगलवार को खत्म हो गई। आम आदमी पार्टी (AAP) विधायकों ने सुबह केजरीवाल के आवास पर बैठक कर सर्वसम्मति से अगले मुख्यमंत्री के रूप में AAP नेता आतिशी के नाम पर मुहर लगाई है। बता दें की केजरीवाल शाम साढ़े 4 बजे उपराज्यपाल से मिलकर इस्तीफा सौपेंगे। आइए आतिशी का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर जानते हैं।
पढ़ाई में अव्वल रही हैं आतिशी
आतिशी का जन्म 8 जून, 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और तृप्ता वाही के घर हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से पूरी की थीं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री पूरी की थी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शेवनिंग छात्रवृत्ति पर मास्टर डिग्री हासिल की। उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ही अपनी दूसरी मास्टर डिग्री भी हासिल की।
आतिशी ने कैसे की राजनीति की शुरुआत?
आतिशी AAP की स्थापना के समय ही पार्टी में शामिल हो गई थीं। वह 2013 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की घोषणापत्र मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य थीं। उन्होंने पार्टी के गठन के शुरुआती दौर में उसकी नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई थी। आतिशी ने 2014 में AAP प्रवक्ता के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरु किया था। उन्होंने अप्रैल 2018 तक तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में भी काम किया था।
आतिशी साल 2020 में पहली बार बनी थीं विधायक
आतिशी को पार्टी ने साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कालकाजी विधानसभा सीट से टिकट देकर मैदान में उतारा था। इसके बाद आतिशी ने अपनी मेहनत से लोगों को आकर्षित किया और भाजपा उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11,393 वोटों से हराकर पहली बार विधानसभा पहुंच गईं। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में AAP ने उन्हें पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें भाजपा उम्मीदवार और पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर से करारी हार झेलनी पड़ी थी।
साल 2023 में पहली बार बनी थीं मंत्री
केजरीवाल ने 9 मार्च, 2023 को अपनी कैबिनेट में फेरबदल किया था और उस दौरान आतिशी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था। इस तरह वह AAP सरकार में पहली बार मंत्री बनी थीं। वह दिल्ली कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री हैं और उनके पास सबसे ज्यादा मंत्रालय भी हैं। इसके अलावा, वह पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की भी महत्वपूर्ण सदस्य हैं और उनके सुझाव काफी मायने रखते हैं।
केजरीवाल के जेल जाने के बाद संभाली जिम्मेदारी
आतिशी का हाल ही के दिनों में पार्टी में कद काफी बढ़ गया है। शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में केजरीवाल और सिसोदिया के जेल जाने के बाद उन्होंने सरकार के कामकाज को संभाला था। उन्होंने सभी मुद्दों पर पार्टी का बचाव किया है। केजरीवाल ने खुद के जेल में होने के कारण इस साल 15 अगस्त पर आतिशी को ही झंडा फहराने की जिम्मेदारी सौंपी थी। हालांकि उपराज्यपाल ने केजरीवाल के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।