#NewsBytesExclusive: AAP नेता आतिशी से खास बातचीत, कहा- भाजपा आई तो फिर कभी नहीं होंगे चुनाव
क्या है खबर?
दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का चेहरा बनी आतिशी लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार हैं।
दिल्ली के मशहूर कॉलेज सेंट स्टीफंस को टॉप करने वाली आतिशी ने स्कॉलरशिप हासिल कर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई की है।
AAP से जुड़ने से पहले वह शिक्षा के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर काम कर चुकी हैं।
चुनाव की तैयारियों में व्यस्त आतिशी ने न्यूजबाइट्स से खास बातचीत की और सवालों के खुलकर जवाब दिए।
सफर
एक होनहार छात्र से AAP की लोकसभा उम्मीदवार बनने तक का सफर कैसा रहा?
अपने सफर पर आतिशी ने कहा, "मैं छात्र जीवन से ही अलग-अलग सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय थी, लेकिन कभी चुनावी राजनीति के बारे में नहीं सोचा। 2006-2012 तक मध्य प्रदेश के एक दूरदराज गांव में काम करने के दौरान समझा कि आम आदमी के जीवन में बड़े बदलाव के लिए ऊपर से नीचे बदलाव की जरूरत है।"
उन्होंने बताया, "ये IAC आंदोलन का भी समय था। मैंने आंदोलन के साथ काम किया और फिर आंदोलन AAP में बदल गया।"
बयान
पद से हटाए जाने पर जवाब
दिल्ली सरकार के शिक्षा सलाहकार के तौर पर काम करने वाली आतिशी को केंद्र सरकार ने पद से हटा दिया था। इस पर उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार और LG उन्हें पद से नहीं हटाते तो वह आज ये चुनाव नहीं लड़ रही होतीं।
सरकारी स्कूल
सरकारी स्कूलों में अभी और कितना काम किया जाना बाकी है?
आतिशी ने कहा कि सरकारी स्कूलों को इतने बड़े स्तर पर ठीक करना 3-4 नहीं बल्कि 10-15 साल का काम है और अभी बहुत काम बाकी है।
सीखने की क्षमता के हिसाब से बच्चों के समूह बनाने पर हो रही आलोचना पर उन्होंने कहा, "जब बच्चे हर दिन कक्षा में बैठते हैं और उन्हें एक भी चीज समझ में नहीं आती और उसे बेवकूफ करार दिया जाता है तो इसका बहुत गहरा मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है।"
बयान
'सभी स्तर के बच्चों को एक साथ नहीं पढ़ा सकता अध्यापक'
उन्होंने कहा, "देश में अधिकांश बच्चे बस एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाते हैं, लेकिन कुछ सीखते नहीं हैं। जब बच्चे को उसके स्तर के समूह के साथ पढ़ाया जाता है तो वह बड़ी तेजी से सीखता है और उसका आत्मविश्वास बढ़ता है।"
AAP की खासियत
AAP संगठन के स्तर पर बाकी पार्टियों से कैसे अलग है?
इस सवाल पर आतिशी ने कहा, "कांग्रेस और भाजपा में बहुत अंतर नहीं है और दोनों के चुनावों को बड़ी-बड़ी कंपनियां फंड करती हैं। चाहें भाजपा आए या कांग्रेस, कोयले की खदानों और स्पेक्ट्रम के ठेके उन्हीं कंपनियों को मिलते हैं।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस और भाजपा की सरकारें उन लोगों के हितों के लिए काम कर रही हैं जो उनकी पार्टी को पैसा दे रहे हैं। जबकि AAP आम जनता से चंदा लेकर चुनाव लड़ती है।"
AAP-कांग्रेस गठबंधन
भाजपा-कांग्रेस समान तो कांग्रेस से गठबंधन क्यों?
भाजपा और कांग्रेस में अंतर पऱ आतिशी ने कहा कि दोनों ही पार्टियां जनहित में काम नहीं कर रहीं, लेकिन भाजपा कई मामलों में कांग्रेस से ज्यादा खतरनाक है।
उन्होंने कहा, "जब से भाजपा की सरकार आई है, पूरे देश में नफरत का माहौल पैदा हुआ है। वो साफ अंतर है। दूसरा, मीडिया समेत तमाम लोकतांत्रिक संस्थाओं पर भाजपा ने कब्जा किया है। इसलिए देश के लिए सबसे जरूरी चीज है कि भाजपा की सरकार फिर से वापस न आए।"
भाजपा पर हमला
'भाजपा जीती तो हो सकता है देश का आखिरी चुनाव'
भाजपा की नफरत की राजनीति पर हमला जारी रखते हुए आतिशी ने कहा, "जिस स्तर पर पिछले 5 साल में इस देश में नफरत का माहौल बना है, जिस स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को खत्म किया गया है, ये हमारे भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ।"
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा चुनाव जीतती है तो यह देश का आखिरी चुनाव हो सकता है और मोदी-शाह की भाजपा भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक है।
केजरीवाल पर विचार
केजरीवाल के बारे में आपका क्या कहना है?
आतिशी ने बताया कि उनके नेता केजरीवाल की दो खासियतें हैं। पहली उनकी निडरता है कि उन्होंने इतनी बड़ी व्यवस्था और शक्तियों को चुनौती दी है।
उन्होंने आगे कहा, "उनकी दूसरी खासियत है कि जब आप राजनीति में होते हैं तो बहुत सारी संभावनाएं और समस्याएं होती हैं, लेकिन आपके सटीक फोकस की जरूरत है कि ये अहम है और हम अपनी सारी ऊर्जा इस में लगाएंगे। वो उनका बहुत मजबूत पक्ष है।"
बयान
महिलाओं की राजनीति में भागेदारी पर क्या कहना है?
इस सवाल के जवाब में आतिशी ने कहा कि सभी पार्टियों को साथ आकर महिला आरक्षण बिल पास करने की जरूरत है, क्योंकि यही महिलाओं को संसद और राजनीति में पर्याप्त आवाज दे सकता है।
अनधिकृत कॉलोनी
अनधिकृत कॉलोनियों पर AAP के वादे का क्या हुआ?
दिल्ली की इस बड़ी समस्या पर आतिशी ने कहा कि अगर पिछली सरकारों ने अनधिकृत कॉलोनियों में मूल सुविधाएं समय पर दी होतीं तो आज इतनी समस्याएं खड़ी नहीं होतीं।
उन्होंने कहा, "अनधिकृत कॉलोनियों में दो चीजें करने की जरूरत है। पहली ये कि पहले से मौजूद ऐसी कॉलोनियों में मूल सविधाएं दी जाएं और दूसरी ये कि और अनधिकृत कॉलोनियों को बनने से रोकना पड़ेगा।"
पूर्ण राज्य पर रणनीति
दिल्ली को कैसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएगी AAP?
पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने की रणनीति पर आतिशी ने कहा, "इस बार न कांग्रेस और न भाजपा की सरकार आएगी, ये स्पष्ट है। अगर नंबर ठीक रहे तो क्या पता 1-2 महीने में ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाए।"
उन्होंने कहा, "हमें कोई मंत्री पद नहीं चाहिए और हम पूर्ण राज्य की शर्त पर ही किसी पार्टी का समर्थन करेंगे।"
उन्होंने साफ किया कि AAP किसी भी स्थिति में भाजपा का समर्थन नहीं करेगी।
भाजपा से सवाल
'पूर्व राज्य के मुद्दे पर क्यों मुकर रही है भाजपा?'
भाजपा से सवाल करते हुए आतिशी ने पूछा, "भाजपा 20 साल से पू्र्ण राज्य का वादा करती आई है, तो पिछले 5 साल से वह क्या कर रही है? वो क्यों अपने वादे से मुकर गई?"
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा वही पार्टी है जिसने पूर्ण राज्य का बिल संसद में पेश किया था। आज वो 5 साल से केंद्र सरकार में हैं, दिल्ली में सातों सांसद उसके हैं, वह बताए कि पूर्ण राज्य का बिल क्योंं नहीं लेकर आई?"
प्रदूषण समस्या
दि्ल्ली के प्रदूषण के समाधान के लिए क्या किया जा रहा है?
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर आतिशी ने कहा, "प्रदूषण का मुद्दा एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इसका समाधान राष्ट्रीय सरकार के स्तर पर किया जाना चाहिए। दिल्ली में जो स्मॉग वाली समस्या होती है, वह लाहौर से लेकर बनारस तक की स्मॉग होती है।"
उन्होंने राष्ट्रीय पार्टियों से मुद्दे पर रुख साफ करने की मांग की और कहा कि राष्ट्रीय स्तर के समाधान में दिल्ली आर्थिक और हर तरीके का योगदान देने को तैयार है।
बयान
प्रदूषण से लड़ने के लिए अपने स्तर पर दिल्ली सरकार क्या कर रही है?
आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लेकर आई है जिसकी दुनिया भर में तारीफ हो रही है। उन्होंने बताया कि जल्द ही 1,000 इलेक्ट्रिक बसें DTC को दी जाएगी, ताकि प्रदूषण से कुछ राहत मिल सके।
दिल्ली को संदेश
लोकसभा चुनाव में पूर्ण राज्य के अलावा AAP के अन्य बड़े मुद्दे क्या रहेंगे?
AAP के लोकसभा एजेंडे पर आतिशी ने कहा, "पूर्ण राज्य का दर्जा हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है, क्योंकि दिल्लीवालों की सारी समस्याएं इससे जुड़ी हुई हैं। बिजली, पानी और अन्य जो भी क्षेत्र दिल्ली सरकार के अंतर्गत हैं, उन पर हमने काम किया है।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक जमीन, कानून व्यवस्था और पुलिस, दिल्ली सरकार के अंतर्गत नहीं आते, तब तक दिल्लीवालों की दैनिक जीवन की समस्याएं ठीक नहीं हो पाएंगी।