कोरोना महामारी के बीच बिहार में कैसे हो रही हैं चुनाव की तैयारियां?
कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार देश का पहला राज्य है जहां चुनाव हो रहे हैं। राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे। 10 नवंबर को यह पता लग जाएगा कि राज्य में अगली सरकार किसकी बनेगी। बिहार में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ सियासी पारा भी नई ऊंचाईयां छू रहा है। आइये, जानते हैं कि महामारी के बीच बिहार में चुनावी खुमार कैसा है।
बिहार में महामारी की स्थिति?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बिहार में अभी तक कुल 2,11,689 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 9,722 सक्रिय मामले हैं, 2,00,918 लोग ठीक हो चुके हैं और 1,049 लोगों की मौत हुई है।
ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल बढ़ा
महामारी को देखते हए चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए कई गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत उम्मीदवारों से वर्चुअल चुनाव प्रचार की भी अपील की गई है। हालांकि, चुनावी रैलियों पर पाबंदियां नहीं लगाई गई है। चुनाव प्रचार के साथ-साथ उम्मीदवार नामांकन भरने से लेकर जमानत राशि भरने तक ऑनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं। इसके अलावा चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर आवंटित समय भी दोगुना कर दिया है।
मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार
बिहार में सरकार चला रही जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में मैदान में उतर रही हैं। भाजपा 110 सीटों पर चुनाव लड़ रही और अपने कोटे से 11 सीटें विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को दी है। इसी तरह जदयू ने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और अपने कोटे से सात सीटें जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को दी हैं। चिराग पासवान की लोजपा अपने दम पर चुनाव लड़ रही है।
महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी कुर्सी के दावेदार
विपक्षी महागठबंधन की बात करें तो तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 144, कांग्रेस ने 70 और वाम पार्टियों ने 29 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। तेजस्वी यादव महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। इसके अलावा AIMIM और बसपा समेत छह पार्टियां मिलकर उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतर रही हैं। कुशवाहा भी खुद को अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पेश कर रहे हैं।
स्टार प्रचारकों की संख्या हुई कम
चुनाव आयोग ने महामारी को देखते हुए मान्यता प्राप्त दलों के स्टार प्रचारकों की संख्या 40 से घटाकर 30 कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राहुल गांधी और जेपी नड्डा से लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तक अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेंगे।
कैसी है मतदान से लेकर मतगणना तक की तैयारी?
बिहार चुनाव के लिए महामारी को देखते हुए एक मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,500 से घटाकर 1,000 कर दी गई है। इस वजह से राज्य में कुल 1,06,526 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इसके बाद हर केंद्र पर औसत मतदाताओं की संख्या घटकर 684 रह जाएगी। पिछले चुनावों के दौरान यह 1,026 थी। इसके अलावा इस बार मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है। साथ ही बूथ पर आने से पहले मतदाताओं का तापमान भी जांचा जाएगा।
कई लाख मास्क, दस्ताने और PPE किट का इंतजाम
इंडिया टुडे के अनुसार, बिहार में मतदाताओं की संख्या को देखते हुए 7.43 लाख सिंगल यूज ग्लव्स, 46 लाख मास्क, 7.6 लाख फेस शील्ड, 7 लाख यूनिट हैंड सैनिटाइजर और छह लाख PPE किट का इंतजाम किया गया है। सभी मतदाता मास्क और ग्लव्स पहनकर मतदान करेंगे। पोलिंग स्टेशनों पर तैनात कर्मचारी भी ग्लव्स और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करेंगे। मतदान केंद्रों पर हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की भी व्यवस्था की जाएगी।
मतगणना के लिए भी होंगे खास इंतजाम
मतगणना के लिए भी इस बार खास इंतजाम किए गए हैं। एक हॉल में मतगणना के लिए अधिकतम सात मेजें ही लगाई जा सकती हैं। एक विधानसभा के मतों की गिनती के लिए 3-4 हॉल इस्तेमाल में लिए जाएंगे।
बिहार में कब है चुनाव?
बिहार में इसी महीने से विधानसभा चुनाव शुरू हो रहे हैं। राज्य में 28 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे।पहले चरण में 28 अक्टूबर को 16 जिलों की 71 सीटों पर वोटिंग होगी। दूसरे चरण में 3 नवंबर को 17 जिलों की 94 सीटों पर और तीसरे चरण में 7 नवंबर को 15 जिलों की 78 सीटों पर वोटिंग होगी। 10 जिलों में दो चरणों में वोटिंग होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।