विधानसभा चुनाव: हिमाचल में 12 नवंबर को वोटिंग, 8 दिसंबर को नतीजे; गुजरात का ऐलान नहीं
क्या है खबर?
चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है।
राज्य के 12 जिलों की सभी 68 सीटों पर एक ही चरण में 12 नवंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को नतीजे जारी किए जाएंगे।
आयोग के अनुसार, चुनाव का नोटिफिकेशन 17 अक्टूबर को जारी किया जाएगा, वहीं नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर होगी।
उम्मीदवार 29 अक्टूबर तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे।
गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है।
आंकड़े
55 लाख से अधिक वोटर करेंगे पार्टियों की किस्मत का फैसला
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग ने बताया कि हिमाचल में इस बार 55 लाख से अधिक वोटर पार्टियों और उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इनमें 27.80 लाख पुरुष और 27.27 लाख महिला वोटर हैं।
आयोग ने विकलांगों वोटरों के लिए विशेष व्यवस्था का ऐलान भी किया। उनकी सुविधा के लिए सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर होंगे और यहां व्हीलचेयर के लिए रैंप मौजूद होंगे। उन्हें और बुजुर्गों को घर से वोटिंग करने का विकल्प भी मिलेगा।
समय
8 जनवरी को खत्म हो रहा है मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल
बता दें कि हिमाचल प्रदेश की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी को खत्म हो रहा है और इससे पहले नई सरकार बनना जरूरी है।
अभी राज्य में भाजपा की सरकार है और 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसने राज्य की 68 में से 44 सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस के खाते में 21 सीटें गई थीं और वह मुख्य विपक्षी पार्टी है।
राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बारी-बारी से सरकार बनाने का चलन रहा है।
मुकाबला
राज्य में भाजपा, कांग्रेस और AAP के बीच मुकाबला
हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार में वापसी की कोशिश में लगी हुई है, वहीं कांग्रेस उसे हराकर फिर से सत्ता में आने की उम्मीद कर रही है।
यहां पारंपरिक तौर पर इन्हीं दो पार्टियों में मुकाबला होता रहा है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने मैदान में उतरकर इस बार मुकाबले को दिलचस्प कर दिया है। उसने छह लाख नौकरी और 3,000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है।
गुजरात
गुजरात चुनाव के कार्यक्रम का भी होना था ऐलान, 18 फरवरी तक बननी है नई सरकार
बता दें कि चुनाव आयोग के हिमाचल के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने की खबर भी थी, हालांकि ऐसा नहीं किया गया।
गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी को खत्म हो रहा है और इससे पहले सरकार का गठन जरूरी है।
राज्य में दशकों से भाजपा की सरकार है और कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी रही है। यहां भी AAP की एंट्री ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।