हिमाचल प्रदेश: खालिस्तानी संगठन के जनमत संग्रह के ऐलान के बाद सील किए गए बॉर्डर
क्या है खबर?
विधानसभा के गेट पर खालिस्तानी झंडे लटकाए जाने और एक खालिस्तानी संगठन के जनमत संग्रह के ऐलान के बाद हिमाचल प्रदेश ने राज्य के सभी बॉर्डर को सील कर दिया है।
बॉर्डर पर पुलिस के बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और होटल और छिपने की अन्य संभावित जगहों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
बम निरोधक दस्ते को भी अलर्ट पर रखा गया है और महत्वपूर्ण सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
ऐलान
'सिख फॉर जस्टिस' ने किया है 6 जून को जनमत संग्रह का ऐलान
राज्य में ये सुरक्षा तब बढ़ाई गई है जब प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) ने 6 जून को हिमाचल प्रदेश में खालिस्तान पर जनमत संग्रह कराने का ऐलान किया है। अपने ऐलान में SFJ अन्य पड़ोसी राज्यों में हालिया समय में हुई खालिस्तान समर्थन घटनाओं का भी जिक्र किया गया है।
इसी कारण राज्य में सुरक्षा कड़ी की गई है और पुलिस को कड़ी नाइट पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य घटना
हिमाचल विधानसभा के गेट पर लगाए गए थे खालिस्तानी झंडे, नारे लिखे गए
बता दें कि रविवार सुबह कुछ अराजक तत्वों ने धर्मशाला स्थित हिमाचल विधानसभा के बाहरी गेट पर पांच-छह खालिस्तानी झंडे लगा दिए थे और दीवार पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिख दिए थे। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर झंडों और नारों को हटा दिया था।
मामले में SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू को मुख्य आरोपी बताते हुए उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उस पर UAPA जैसे कठोर कानून की धाराएं भी लगाई गई हैं।
खुफिया अलर्ट
खुफिया अलर्ट में जताई गई थी ऐसी घटना होने की आशंका
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 26 अप्रैल को जारी किए गए एक खुफिया अलर्ट में इस तरह की घटना होने की आशंका जताई गई थी।
अलर्ट के अनुसार, SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हिमाचल के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 29 अप्रैल को शिमला में भिंडरांवाले और खालिस्तान का झंडा फहराने की बात कही थी।
हालांकि कड़ी सुरक्षा के कारण तब पन्नू अपनी इस योजना को अंजाम नहीं दे पाया था।
चुनौती
मुख्यमंत्री ने दी आरोपियों को चुनौती
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मामले में आरोपियों को चुनौती दी है।
घटना की निंदा करते हुए हुए उन्होंने ट्वीट किया, 'इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है, इसलिए यहां अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है। इसी का फायदा उठाकर इस कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे... मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएं।'
सिख फॉर जस्टिस
न्यूजबाइट्स प्लस
SFL एक खालिस्तानी संगठन है जो सिखों के लिए अलग देश की मांग करता है। इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क में है और ये कनाडा में सबसे अधिक सक्रिय है।
भारत में उस पर किसान आंदोलन के बहाने खालिस्तानी विचारों और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। 26 जनवरी, 2021 को लाल किले पर हुई हिंसा में भी SFL का नाम आया था।
उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है।