हिमाचल विधानसभा के गेट पर लगाए गए खालिस्तानी झंडे, 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे भी लिखे
क्या है खबर?
धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य गेट पर खालिस्तानी झंडे लगाए जाने का मामला सामने आया है। रविवार सुबह विधानसभा के मुख्य गेट और बाउंड्री पर खालिस्तानी झंडे लटके हुए मिले।
इसके अलावा विधानसभा की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे भी लिखे मिले।
घटना की जानकारी मिलते ही कांगड़ा पुलिस मौके पर पहुंची और झंडों को उतार दिया। मामले में FIR दर्ज कर ली गई है और आरोपियों की तलाश की जा रही है।
मामला
आरोपियों ने बाहरी गेट पर लगाए 5-6 झंडे
घटना की पुष्टि करते हुए धर्मशाला के डिप्टी कमिश्नर डॉ निपुन जिंदल ने कहा, "कुछ उपद्रवियों ने तपिवन स्थित विधानसभा के बाहरी गेट पर पांच-छह खालिस्तानी झंडे लगा दिए और दीवार पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिख दिए। झंडों को हटा दिया गया है और लिखे हुए को भी मिटा दिया गया है। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है और जांच जारी है... आरोपियों को पकड़ने के लिए आसपास के CCTV कैमरों को खंगाला जा रहा है।"
जानकारी
पंजाब से आए पर्यटकों पर झंडे लगाने का शक
अभी तक आरोपियों की पहचान तो नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस ने आशंका जताई है कि ये पंजाब के कुछ पर्यटकों का कारनामा लगता है। मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
खुफिया अलर्ट
खुफिया अलर्ट में जताई गई थी ऐसी घटना होने की आशंका
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 26 अप्रैल को जारी किए गए एक खुफिया अलर्ट में इस तरह की घटना होने की आशंका जताई गई थी।
चैनल द्वारा प्राप्त की गई इस अलर्ट की कॉपी में लिखा हुआ है कि हिमाचल सरकार के भिंडरांवाले की तस्वीर और खालिस्तानी झंडों वाली गाड़ियों को बैन करने के जवाब में सिख फॉर जस्टिस (SFJ) नामक खालिस्तानी संगठन के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
पत्र में चेतावनी
पन्नू ने दी थी 29 अप्रैल को खालिस्तानी झंडा फहराने की चेतावनी
खुफिया अलर्ट के अनुसार, इस पत्र में पन्नू ने मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए 29 अप्रैल को शिमला में भिंडरांवाले और खालिस्तान का झंडा फहराने की बात कही थी। हालांकि कड़ी सुरक्षा के कारण तब पन्नू अपनी इस योजना को अंजाम नहीं दे पाया।
अब एक हफ्ते से अधिक समय बाद हिमाचल विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाए गए हैं। ऐसे में इस घटना के पीछे सिख फॉर जस्टिस का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
चुनौती
मुख्यमंत्री ने दी आरोपियों को चुनौती
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मामले में आरोपियों को चुनौती दी है।
घटना की निंदा करते हुए हुए उन्होंने ट्वीट किया, 'इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है, इसलिए यहां अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है। इसी का फायदा उठाकर इस कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे... मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएं।'
सिख फॉर जस्टिस
न्यूजबाइट्स प्लस
SFL एक खालिस्तानी संगठन है जो सिखों के लिए अलग देश की मांग करता है। इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क में है और ये कनाडा में सबसे अधिक सक्रिय है।
भारत में उस पर किसान आंदोलन के बहाने खालिस्तानी विचारों और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। 26 जनवरी, 2021 को लाल किले पर हुई हिंसा में भी SFL का नाम आया था। उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है।