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गुजरात: सभी छह नगर निगमों में बड़ी जीत की ओर अग्रसर भाजपा

गुजरात: सभी छह नगर निगमों में बड़ी जीत की ओर अग्रसर भाजपा

Feb 23, 2021
03:57 pm

क्या है खबर?

गुजरात नगर निगम चुनाव के वोटों की गिनती जारी है और सत्तारूढ़ भाजपा इनमें बड़ी जीत की ओर बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। अहमदाबाद और वडोदरा समेत सभी छह नगर निगमों की कुल 576 सीटों में से 341 पर भाजपा आगे चल रही है, वहीं कांग्रेस मात्र 38 सीटों पर आगे है। पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (AAP) सूरत में 17 सीटों पर आगे चल रही है।

वोटिंग

रविवार को हुई थी सभी 576 सीटों पर वोटिंग

छह नगर निगमों की इन 576 सीटों पर इसी रविवार को 46.08 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इनमें अहमदाबाद नगर निगम के 48 वॉर्ड की 192 सीटें, सूरत नगर निगम के 30 वॉर्ड की 120 सीटें, वडोदरा नगर निगम के 19 वॉर्ड की 76 सीटें, राजकोट नगर निगम के 18 वॉर्ड की 72 सीटें, भावनगर नगर निगम के 13 वॉर्ड की 52 सीटें और जामनगर नगर निगम के 16 वॉर्ड की 64 सीटें शामिल हैं।

नतीजे

अभी तक कौन कितनी सीटों पर आगे?

NDTV के अनुसार, अभी तक के नतीजों में अहमदाबाद में भाजपा 101 और कांग्रेस 15 सीटों पर आगे है। इसी तरह सूरत में भाजपा 62 और कांग्रेस पांच सीटों पर आगे है। वडोदरा में भाजपा 48 और कांग्रेस सात सीटों पर आगे है। राजकोट में भाजपा जिन 56 सीटों पर गिनती हुई है, उन सभी पर आगे है। जामनगर में भाजपा 43 और कांग्रेस छह सीटों पर आगे है। भावनगर में भाजपा 31 और कांग्रेस पांच सीटों पर आगे है।

डाटा

17 सीटों पर AAP उम्मीदवारों समेत 25 सीटों पर अन्य आगे

सभी छह नगर निगमों में 25 सीटें ऐसी भी हैं, जहां छोटी पार्टियों के उम्मीदवार या निर्दलीय आगे चल रहे हैं। इनमें से सूरत की 21, जामनगर की तीन और अहमदाबाद की एक सीट है। AAP सूरत की 17 सीटों पर आगे है।

अहमियत

भाजपा के लिए अहम हैं यह चुनाव

बता दें कि इन चुनावों के नतीजों को भाजपा के लिए बेहद अहम माना जा रहा है जिसका इन नगर निगमों पर कई सालों से कब्जा है। किसान आंदोलन और ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रही भाजपा के लिए इन चुनावों को एक परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। अभी तक के नतीजे उसे खुश करने वाले हैं और वह पिछली बार से भी अधिक बहुमत से जीतती हुई दिख रही है।

जनता का मूड

अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले जनता का मूड बताएंगे नतीजे

गुजरात की 182 सीटों पर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भी इस नगर निगम चुनाव की अहमियत और बढ़ गई है। विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस से होगा और अगर वह नगर निगमों की इस लड़ाई में कांग्रेस को करारी शिकस्त देती है तो यह न केवल उसके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होगा, बल्कि जनता के मूड के बारे में भी जानकारी देगा।