देशभर में कमजोर पड़ी गर्मी की लहर, दिल्ली में तीन दिनों के अंदर बारिश की संभावना
क्या है खबर?
भारतीय मौसम विभाग ने देशभर में पिछले कई दिन से जारी गर्मी की भीषण लहर के कमजोर पड़ने का ऐलान किया है। विभाग के अनुसार, आने वाले तीन दिनों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान में हल्की बारिश हो सकती है।
उत्तर-पूर्वी भारत में 3 मई, उत्तर-पश्चिमी भारत में 4 मई और पूर्वी भारत में 6 मई तक आंधी के साथ हल्की बारिश की भविष्यवाणी की गई है।
अगर ऐसा होता है तो लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
भविष्यवाणी
दक्षिणी राज्यों में 5 दिनों के अंदर हो सकती है बारिश
मौसम विभाग ने दक्षिणी राज्यों, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, में भी गर्मी से राहत मिलने की भविष्यवाणी की है और इन राज्यों में आने वाले पांच दिनों में आंधी और बिजली के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
विभाग ने पश्चिमी डिस्टर्बेंस को देखते हुए उत्तर-पश्चिमी भारत के लिए येलो वार्निंग भी जारी की है।
राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब को भी येलो अलर्ट पर रखा गया है।
बयान
7 मई तक गर्मी की कोई लहर न आने का अनुमान
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि इतनी लंबी गर्मी की लहर के बाद ये राहत देवे वाली खबर है। उन्होंने कहा कि 7 मई तक गर्मी की कोई लहर नहीं आएगी और आगे की स्थिति 7 मई के बाद स्पष्ट होगी।
रिकॉर्ड गर्मी
122 सालों में सबसे अधिक गर्म रहा था पिछला अप्रैल महीना
बता दें कि भारत में मार्च से ही भीषण गर्मी पड़ रही है और इसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है।
मौसम विभाग के अनुसार, बीते अप्रैल महीने में उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत में औसत तापमान पिछले 122 सालों में सबसे ज्यादा रहा, यानी 122 सालों में किसी भी अप्रैल में इतनी गर्मी नहीं पड़ी।
इससे पहले मार्च के दौरान भी गर्मी ने पसीने छुड़ाए थे और यह महीना पिछले 122 सालों का सबसे गर्म मार्च महीना रहा था।
तापमान
अप्रैल में कितना रहा था तापमान?
अप्रैल के दौरान उत्तर पश्चिमी राज्यों में औसतन अधिकतम तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 3.35 डिग्री ज्यादा था।
इससे पहले अप्रैल, 2010 में भयंकर गर्मी पड़ी थी, लेकिन तब भी औसतन अधिकतम तापमान इस अप्रैल से 0.5 डिग्री कम था।
देश के मध्य इलाकों में बार औसत अधिकतम तापमान 37.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था, जिसने अप्रैल, 1973 के 37.75 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
चिंता
चिंताजनक बनी हुई है गर्मी की अवधि
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते तापमान से ज्यादा चिंताजनक हीटवेट की लंबी अवधि है। पिछले छह हफ्तों के दौरान भारत और पाकिस्तान के औसतन तापमान ने अब तक के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है।
विश्व मौसम संगठन का कहना है कि इस गर्मी के पीछे केवल पर्यावरण बदलाव को ठहराना जल्दबाजी होगी, लेकिन बदलते पर्यावरण के बीच इस तरह का मौसम रहने का अनुमान है। हीटवेव अब ज्यादा पहले शुरू हो रही है।
गर्मी से मौतें
जानलेवा बनती जा रही है गर्मी
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि 1992 से लेकर 2020 के बीच देश में हीटवेव के कारण 25,692 लोगों की मौत हुई थी।
हालिया वर्षों की बात करें तो 2016 से लेकर 2021 के बीच 1,743 लोग इस वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।
कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां कोरोना की संभावित चौथी लहर से भी ज्यादा चिंताजनक है।