पंचकुला जमीन घोटाला: प्रवर्तन निदेशालय ने भूपेंद्र हुड्डा सहित 22 के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंचकुला जमीन घोटाला मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 22 लोगों के खिलाफ सोमवार को चार्जशीट (आरोप पत्र) दाखिल कर दी है। ED ने चार्जशीट में हरियाणा के चार सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है। इसके साथ ही अब भूपेंद्र हुड्डा की परेशानियां और बढ़ गई है। इसी तरह चारों IAS अधिकारी भी परेशानी में पड़ते नजर आ रहे हैं।
हुड्डा ने अपने परिचितों को नियम विरुद्ध आवंटित की थी जमीन
बता दें कि साल 2013 में भपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के अध्यक्ष पद पर रहते हुए चार तत्कालीन IAS अधिकारियों के साथ मिलकर अपने परिचितों को नियम विरुद्ध जाकर 30 करोड़ रुपये की लागत के 14 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया था। इसको लेकर हरियाणा सतर्कता ब्यूरों ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी और साल 2015 में इस जांच को प्रवर्तन निदेशालय को सौंपा गया था।
साल 2016 में CBI को सौंपी गई थी मामले की जांच
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार हरियाणा सतर्कता ब्यूरो द्वारा मामला दर्ज करने के बाद साल 2016 में जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई। इसके बाद CBI ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-B, 201, 204, 409, 420, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच में सामने आया था कि हुड्डा ने चार IAS अधिकारियों के सहयोग से अपने परिचितों को जमीन का आवंटन किया था।
इन पूर्व IAS अधिकारियों ने किया था जमीनों के अवैध आवंटन में सहयोग
ED ने चार्जशीट में बताया कि मामले में हुड्डा का सहयोग करने वाले सेवानिवृत्त IAS अधिकारियों में धर्मपाल सिंह नागल (HUDA के पूर्व मुख्य प्रशासक), सुरजीत सिंह (HUDA के पूर्व प्रशासक), सुभाष चंद्र कंसल (HUDA के पूर्व मुख्य वित्त नियंत्रक) और नरेंद्र सिंह सोलंकी (HUDA के फरीदाबाद के पूर्व जोनल प्रशासक) शामिल हैं। ED ने बताया ये सभी HUDA के पूर्व अधीक्षक भारत भूषण तनेजा के साथ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी आरोपी थे।
आरोपियों ने आठ गुना कम कीमत पर किया था भूमि आवंटन
ED ने चार्जशीट में बताया कि आरोपियों ने परिचितों को भूमि के निर्धारित सर्कल कीमत से पांच गुना कम और बाजार कीमत से सात-आठ गुना कम कीमत पर प्लॉट आवंटित किए थे। इतना ही हुड्डा और IAS अधिकारियों ने अपने साक्षात्कार समिति पर दबाव बनाकर आवेदन की अंतिम तिथि के 18 दिन बाद आवंटन प्रक्रिया के मापदंडों में बदलाव करा दिया। ED ने कहा कि आवंटन के लिए आयोजित साक्षात्कार प्रक्रिया भी सुनियोजित थी।
ED ने भी 14 भूखंडों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किया शामिल
ED ने बताया कि मामले में पर्याप्त सुबूत सामने आने के बाद उसने आवंटित किए गए सभी 14 भूखंडों को साल 2019 में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल कर लिया था।