हरियाणा के सियासी परिवारों का हाल: चौटाला कुनबे को बड़ा झटका, भजनलाल परिवार का क्या हुआ?
हरियाणा की राजनीति कुछ सियासी परिवारों की इर्द-गिर्द ही घूमती है। इस विधानसभा चुनाव में कुछ परिवार अपना गढ़ बचाने में सफल रहे तो कुछ को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल के कुनबे के लिए चुनावी नतीजे भारी निराशाजनक रहे हैं। इस परिवार के 8 सदस्य चुनावी मैदान में थे, लेकिन बस 2 को जीत मिली है। आइए जानते हैं कि हरियाणा के सियासी परिवारों का प्रदर्शन कैसा रहा।
चौटाला परिवार को लगा बड़ा झटका
पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल चौटाला के परिवार के 8 सदस्य 5 सीटों पर मैदान में थे। इन सीटों में डबवाली, उचाना कलां, ऐलनाबाद, रानिया और फतेहबाद शामिल है। इनमें से केवल डबवाली और रानिया में ही परिवार के सदस्यों को जीत मिली। खास बात है कि इन दोनों ही सीटों पर परिवार के सदस्य ही आमने-सामने थे। ऐलानाबाद से अभय चौटाला, उचाना कलां से दुष्यंत चौटाला और फतेहाबाद से सुनैना चौटाला को हार का सामना करना पड़ा है।
चौटाला परिवार के जीतने वाले 2 सदस्य
डबवाली से देवीलाल के बेटे जगदीश चंद्र के बेटे आदित्य ने जीत हासिल की है। उन्होंने मौजूदा विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार अमित सिहाग को हराया, जो देवीलाल के पोते भी हैं। दुष्यंत के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला भी इस सीट से मैदान में थे। वहीं, रानिया से अभय चौटाला के बेटे अर्जुन को जीत मिली है। यहां से देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला निर्दलीय मैदान में थे। इस तरह इस सीट पर दादा-पोते के बीच मुकाबला था।
बंसीलाल परिवार के सदस्यों का क्या हाल रहा?
हरियाणा की राजनीति के एक और 'लाल' बंसीलाल परिवार से 2 सदस्य मैदान में थे। तोशाम सीट पर बंसीलाल की पोते और पोती के बीच लड़ाई थी। यहां से चचेरे भाई-बहन अनिरुद्ध और श्रुति चौधरी आमने-सामने रहे। भाजपा के टिकट पर श्रुति ने अपने भाई अनिरुद्ध को हराया, जो कांग्रेस के उम्मीदवार थे। श्रुति भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं। वहीं, अनिरुद्ध के पिता रणबीर महेंद्रा BCCI के अध्यक्ष रह चुके हैं।
भजनलाल परिवार का क्या हुआ?
भजनलाल परिवार से भी 2 लोग मैदान में थे, जिनमें से एक को जीत और एक को हार का सामना करना पड़ा। आदमपुर सीट पर भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को कांग्रेस के चंद्रप्रकाश ने महज 1,268 वोटों से हरा दिया। ये सीट 56 साल बाद भजनलाल परिवार से छीन ली गई है। भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन पंचकूला सीट से कांग्रेस उम्मीदवार थे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी और स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता को 1,997 वोटों से हरा दिया है।
हुड्डा परिवार का दबदबा कायम
गढ़ी सांपला किलोई सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को 71,465 वोटों से हराकर इस सीट से चौथी जीत दर्ज की है। 2019 के चुनावों में भी हुड्डा ने भाजपा के सतीश नांदल 58,312 वोटों से हराया था। 1967 में बनी इस सीट पर भूंपेंद्र और उनके पिता रणबीर सिंह अपना पहला चुनाव हार चुके हैं। साल 2000 से ये सीट भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ है।
क्या रहे हरियाणा के चुनावी परिणाम
हरियाणा में भाजपा ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है। पार्टी को यहां 48 सीटों पर जीत मिली है। ये राज्य के इतिहास में पहली बार है, जब किसी पार्टी ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीता है। वहीं, कांग्रेस की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। उसे मात्र 37 सीटों से ही संतोष करना पड़ेगा। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के 2 और 3 निर्दलीय उम्मीदवारों की भी जीत मिली है।