कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई पर आयकर विभाग का शिकंजा, 150 करोड़ रुपये का होटल जब्त
क्या है खबर?
हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग ने गुड़गांव स्थित कुलदीप बिश्नोई के 150 करोड़ रुपये के होटल को बेनामी संपत्ति के तहत जब्त कर लिया है।
यह संपत्ति कुलदीप और उनके भाई चंद्रमोहन की है। सूत्रों के मुताबिक, विभाग की दिल्ली बेनामी निषेध इकाई ने यह आदेश जारी किया है।
कर चोरी के मामले में विभाग ने पिछले महीने बिश्नोई के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
होटल
जुलाई में विभाग ने की थी छापेमारी
विभाग ने जिस सपंत्ति को जब्त किया गया है उसका स्वामित्व ब्राइट स्टार होटल प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है, जिसमें 34 फीसदी शेयर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में रजिस्टर्ड और संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होने वाली कंपनी के नाम पर है।
जुलाई में की गई जांच में विभाग को बिश्नोई के ब्रिस्टल होटल की कंपनी के स्वामित्व को लेकर शक हुआ था, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए इस संपत्ति को जब्त किया गया है।
छापेमारी
आदमपुर से विधायक हैं बिश्नोई
आयकर विभाग ने जुलाई में बिश्नोई के हिसार, गुड़गांव और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।
बताया जा रहा है कि इसमें बेनामी संपत्ति सहित करोड़ों रुपये के लेनदेन, कई संपत्तियों की डील के बारे में जानकारी और सबूत मिले थे।
विभाग को UAE और पनामा में भी बिश्नोई की कंपनी के शेयर की जानकारी और दस्तावेज मिले थे।
बता दें कि कुलदीप बिश्नोई हरियाणा की आदमपुर विधानसभा से विधायक हैं। उनकी पत्नी हांसी से विधायक हैं।
ED की चार्जशीट
हुड्डा के खिलाफ ED ने दायर की चार्जशीट
कुलदीप बिश्नोई के अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा कसता जा रहा है।
ED ने AJL जमीन आवंटन मामले में हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
उनके अलावा कांग्रेस नेता मोतीलाला वोरा के खिलाफ भी चार्जशीट दायर की गई है। ED ने यह चार्जशीट पंचकूला स्थिति CBI की विशेष अदालत में जारी की है। CBI भी इस मामले की जांच कर रही है और चार्जशीट फाइल कर चुकी है।
मामला
क्या था जमीन आवंटन का पूरा मामला?
AJL को 1982 पंचकूला में इस शर्त के साथ जमीन अलॉट की गई थी कि कंपनी छह महीनों के भीतर यहां निर्माण शुरू कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
साल 1992 में प्रशासन ने यह जमीन अपने अधीन ले ली। इसके बदले में 10 फीसदी कटौती कर बाकी राशि कंपनी को लौटा दी।
इसके खिलाफ AJL ने राजस्व विभाग में अपील की।
हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने AJL को फिर से जमीन अलॉट की थी।
मामला
2005 में जमीन की गई अलॉट
इसके लगभग 10 साल बाद 2005 में हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए AJL को यह जमीन फिर से अलॉट कर दी गई।
तब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) ने यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि 1982 की दर के हिसाब से जमीन अलॉट नहीं की जा सकती।
इस आपत्ति को दरकिनार करते हुए प्रशासन ने 2005 में 1982 की दर पर यह जमीन AJL को अलॉट कर दी थी। यह जमीन करीब 3,360 वर्गमीटर थी।