किसान प्रदर्शनों के चलते बंद किया गया दिल्ली-नोएडा बॉर्डर
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-नोएडा बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। मंगलवार से ही किसान दिल्ली-नोएडा सीमा पर धरने पर बैठे हैं। इस वजह से उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ने वाली कई रास्ते बंद हो गए हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों से चिल्ला रूट को छोड़कर सफर के लिए दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (DND) और कालिंदी कुंज रोड लेने की सलाह दी है।
यात्रियों को NH-24 और DND हाइवे लेने की सलाह
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि गौतम बुद्ध द्वार के पास नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला बॉर्डर किसानों के प्रदर्शन के कारण बंद है। लोगों को नोएडा जाने के लिए NH-24 और DND का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
मंगलवार शाम से उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर डटे हैं किसान
भारतीय किसान यूनियन और दूसरे संगठनों से जुड़े सैकड़ों किसान मंगलवार शाम से उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास जमे हुए हैं। इन्हें आगे बढ़कर हरियाणा और पंजाब के किसानों के साथ शामिल होने से रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। कई इलाकों में पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा और पंजाब के किसान सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
किसानों और सरकार के बीच असफल रही वार्ता
दूसरी तरफ मंगलवार को कृषि कानूनों सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों के 35 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल और सरकार के बीच हुई वार्ता बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। इससे सरकार और किसानों के बीच अभी भी गतिरोध बना हुआ है। सरकार ने किसानों को मामले को सुलझाने के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसान नेताओं ने उसे ठुकरा दिया। अब गुरुवार को अगले दौर की वार्ता होगी।
किसानों ने कानूनों को वापस नहीं लेने पर दी है उग्र आंदोलन की चेतावनी
किसान संगठनों की मांग है कि सरकार नए कृषि कानूनों को निरस्त कर दें। यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो उनका आंदोलन लंबा चलेगा। उन्होंने आंदोलन को लेकर दो महीने की योजना भी तैयार कर रखी है। इसी तरह किसानों ने सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी पर लिखित आश्वासन भी मांगा है। किसानों ने रविवार को दिल्ली में पांच प्रवेश बिंदुओं सोनीपत, रोहतक, जयपुर, गाजियाबाद हापुड़ और मथुरा को रोकने की चेतावनी दी थी।
क्या है कृषि कानूनों का पूरा मामला?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।